Delhi: पायलटों को कम से कम एक महीने का वेतन देने पर करें विचार एयर इंडिया: दिल्ली HC
पीठ ने एयर इंडिया के वकील से अनुबंधित पायलटों को एक महीने का वेतन देने पर निर्देश लेने का कहा। पीठ ने इसके साथ ही पायलटों की समस्या को भी सुनने का अदालत ने निर्देश दिया। पीठ ने उक्त निर्देशों के साथ मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने एयर इंडिया से कहा कि वह अपने पायलटों को कम से कम एक महीने का वेतन देने पर विचार करे। अनुबंध के आधार पर काम करने वाले पायलटों की सेवाएं अप्रैल में निलंबित कर दी गई थीं और बाद में अगस्त में समाप्त कर दी गईं। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि पायलटों को इस तरह से नहीं छोड़ा जा सकता है। पीठ ने एयर इंडिया के वकील से अनुबंधित पायलटों को एक महीने का वेतन देने पर निर्देश लेने का कहा। पीठ ने इसके साथ ही पायलटों की समस्या को भी सुनने का अदालत ने निर्देश दिया। पीठ ने उक्त निर्देशों के साथ मामले की सुनवाई 16 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी। दो अनुबंधित पायलटों ने याचिका दायर कर दो अप्रैल के आदेश को रद करने की मांग की थी। दोनों की सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था।
एयर इंडिया ने अपने फैसले का बचाव करते हुए पीठ से कहा कि लॉकडाउन के बाद उसके नियमित पायलटों में से 90 प्रतिशत घर बैठे हैं और इससे उसे हर महीने 1300 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा था।
पीठ ने एयर लाइन से पूछा कि अगर लॉकडाउन के बाद वह किसी भी संविदा पायलट की नियुक्ति को वहन नहीं कर सकता था तो एयरलाइन ने अप्रैल में ही पायलटों की सेवाएं समाप्त क्यों नहीं की। एयरलाइन ने कहा कि उस वक्त यह नहीं पता था कि उड़ान संचालन कब तक प्रभावित होगा। अदालत ने कहा कि मौजूदा असाधारण स्थिति में एयरलाइन की समस्या को समझा जा सकता है लेकिन हम कर्मचारियों को ऐसे नहीं छोड़ सकते।
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