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अदालत के पूर्व आदेश का भी दिल्ली सरकार पर नहीं हुआ असर, समस्या बकरार : हाई कोर्ट

सरकारी अधिवक्ताओं के बिलों का समय पर भुगतान करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि यहां तक की अदालत के पूर्व आदेश का भी दिल्ली सरकार पर असर नहीं हुआ।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 10:32 AM (IST)
अदालत के पूर्व आदेश का भी दिल्ली सरकार पर नहीं हुआ असर, समस्या बकरार : हाई कोर्ट
अदालत के पूर्व आदेश का भी दिल्ली सरकार पर नहीं हुआ असर, समस्या बकरार : हाई कोर्ट

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। सरकारी अधिवक्ताओं के बिलों का समय पर भुगतान करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। न्यायमूर्ति प्रतिबा सिंह की पीठ ने कहा कि यहां तक की अदालत के पूर्व आदेश का भी दिल्ली सरकार पर असर नहीं हुआ और यह पहला मामला नहीं है और समस्या का अंत दिखाई नहीं दे रहा है। अदालत ने रिकार्ड पर लिया कि यह याचिका वर्ष 2019 में दायर की गई थी और दो साल का समय बीतने के बावजूद भी अब तक बिलों का भुगतान नहीं हुआ है। इसके साथ ही पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि इसके लिए केंद्रीकृत व्यव्था स्थापित करें।

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पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार के कानून सचिव को निर्देश दिया कि इस संबंध में संबधित विभागों के साथ एक बैठक कर व्यवस्था बनाएं और चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करें। इसके साथ ही कानून सचिव को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली अगली सुनवाई पर पेश होने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। पीठ ने कहा कि बिलों के भुगतान के लिए अधिवक्ताओं को लंबा इंतजार नहीं कराया जा सकता है। पीठ ने कहा कि बिलों का भुगतान करने के लिए उचित व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।

अधिवक्ता अंजना गोसाई ने याचिका दायर कर कहा कि कई ई-मेल और संपर्क करने के बावजूद भी दिल्ली सरकार ने बिलों का भुगतान नहीं किया गया। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने दलील दी कि कई विभागों के स्तर पर बिल के पास होने के कारण इसके भुगतान में देरी हुई है। दिल्ली सरकार की रिपोर्ट को देखते हुए पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर विचार करेगी कि बिलों के भुगतान में देरी करने के लिए जिम्मेदार विभागों पर भारी जुर्माना लगाया जाये या नहीं।


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