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रीवा के भाजपा विधायक के मामले की जांच कर जल्द पेश करें रिपोर्ट : दिल्ली हाई कोर्ट

कांग्रेस नेता अभय मिश्रा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता वरुण के चोपड़ा कहा कि राजेंद्र शुक्ला ने विस चुनाव में निर्धारित राशि से ज्यादा खर्च की है और इस आधार पर उनका चुनाव निरस्त किया जाना चाहिए।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 10:53 AM (IST)
रीवा के भाजपा विधायक के मामले की जांच कर जल्द पेश करें रिपोर्ट : दिल्ली हाई कोर्ट
नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मध्य प्रदेश के रीवा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2018 में भाजपा के विजयी प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला द्वारा चुनाव में ज्यादा खर्च करने और खर्च की सही जानकारी नहीं देने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को जल्द सुनवाई कर फैसला लेने को कहा। कांग्रेस नेता अभय मिश्रा की याचिका पर निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि जनवरी माह में दी गई शिकायत पर कोरोना महामारी के कारण देरी हुई, लेकिन जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

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पीठ ने निर्वाचन आयोग की दलील को नोट करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर तेजी से सुनवाई कर इसका निपटारा करें। अभय मिश्रा ने कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा था। राजेंद्र शुक्ला ने लगभग 70 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। अभय मिश्रा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता वरुण के चोपड़ा कहा कि राजेंद्र शुक्ला ने विस चुनाव में निर्धारित राशि से ज्यादा खर्च की है और इस आधार पर उनका चुनाव निरस्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने पीठ से कहा कि चुनाव में ज्यादा खर्च करने के संबंध में निर्वाचन आयोग में जनवरी माह में ही शिकायत की थी, लेकिन नौ महीने बीतने के बाद भी उनकी शिकायत पर आयोग ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है। निर्वाचन नियमों की नियम-90 के तहत चुनाव में सर्वाधिक खर्च की सीमा 28 लाख रुपये है जबकि राजेंद्र शुक्ला ने शपथ पत्र में 19.86 लाख रुपये खर्च होने की जानकारी दी है।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा विधायक ने वास्तविक खर्च की जानकारी आयोग से छुपाई है। अभय मिश्रा ने चुनाव आयोग में दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि शुक्ला ने होर्डिंग बनवाने, सोशल मीडिया पर प्रचार करने, रैली आयोजित करने एवं अन्य मदों में बताए गए खर्च से ज्यादा का खर्च किया है। उन्होंने चुनाव आयोग को इससे जुड़े कई सुबूत भी दिए थे। हालांकि, अब तक आयोग ने कोई फैसला नहीं लिया है। वहीं, चुनाव आयोग की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता सुरुचि सुरी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण फैसला करने में देरी हुई और वह जल्दी इस पर निर्णय करेगा।  

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