वेतन नहीं देने पर हाई कोर्ट ने कहा, कर्मचारियों काे दीवाली की खुशी से न करें वंचित
वेतन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दीवाली नजदीक है और कर्मचारियों को दीवाली की खुशी से वंचित न करें। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि वैसे ही काफी संख्या में लोग काेरोना महामारी के कारण अवसाद में हैं।
नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के स्कूलों के शिक्षकों के वेतन मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दीवाली नजदीक है और कर्मचारियों को दीवाली की खुशी से वंचित न करें। न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने कहा कि वैसे ही काफी संख्या में लोग काेरोना महामारी के कारण अवसाद में हैं। सुनवाई के दौरान एनडीएमसी ने पीठ को बताया कि उन्होंने शिक्षकों के जून माह के वेतन का भुगतान किया है।
वहीं, दिल्ली सरकार ने पीठ को बताया कि तीन सितंबर को उनकी तरफ से एनडीएमसी को 98.35 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और इससे सितंबर और अक्टूबर माह का वेतन दिया जा सकेगा। एनडीएमसी अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि वे इस पर निर्देश लेकर जानकारी देंगे कि अभी नगर निगम को दिल्ली सरकार से उक्त धनराशि मिली है या नहीं।
पीठ ने इस पर एनडीएमसी को पांच नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देेते हुए सुनवाई पांच नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। शिक्षकों के वेतन का भुगतान नहीं करने के मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने जनहित याचिका शुरू की थी। इससे पहले पीठ ने शिक्षकों का वेतन नहीं देने के मामले में टिप्पणी की थी कि शिक्षकों को कोरोना महामारी की ड्यूटी पर तैनात किया गया है और वे कोरोना योद्धा के समान हैं। इसके बावजूद उनका वेतन नहीं दिया जाना अफसोस वाली बात है। याचिका के अनुसार एनडीएमसी के अधीन 700 स्कूल में 7 हजार शिक्षक हैं। 7 हजार शिक्षकों में से 5406 शिक्षकों को एनडीएमसी के 299 स्कूलों में काेरोना ड्यूटी में लगाया गया है।
वेतन नहीं देने पर डीयू के चार कॉलेजों को नोटिस
मई माह से वेतन नहीं मिलने के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के आठ शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, भगीनी निवेदिता कॉलेज, अदिति महाविद्यालय महिला कॉलेज और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को नोटिस जारी कर स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने साथ ही दिल्ली सरकार व डीयू को मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई चार नवंबर को होगी। शिक्षकों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया कि दिल्ली सरकार दो हजार शिक्षक परिवारों को परेशानी में डाल रही है और सरकार को तत्काल वेतन जारी करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के अलावा अन्य कर्मचारियों का भी वेतन नहीं जारी होने से उनके घर की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि 12 कॉलेजों में लगभग 15 सौ के आसपास शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन नहीं देना उनके मौलिक अधिकार का हनन है।
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