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सिर्फ केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों को न दें विदेशी सहायता : दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कहा कि जब वे विदेशों से आने वाले दवाओं व चिकित्सा उपकरणों का आवंटन करते हैं तो यह सिर्फ केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों को ही नहीं जाने चाहिए।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 09:47 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 09:47 AM (IST)
सिर्फ केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों को न दें विदेशी सहायता : दिल्ली हाई कोर्ट
सिर्फ केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों को न दें विदेशी सहायता : दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार केंद्र सरकार से कहा कि जब वे विदेशों से आने वाले दवाओं व चिकित्सा उपकरणों का आवंटन करते हैं तो यह सिर्फ केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों को ही नहीं जाने चाहिए। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी को सहायता दी जा रही है, तो इसका वितरण दिल्ली सरकार को करने दें। पीठ ने कहा कि जब आप दिल्ली को देते हैं, तो आपको केंद्र सरकार द्वारा प्रबंधित किए जा रहे संस्थानों और अस्पतालों से परे देखना चाहिए। सहायता वहां जाना चाहिए जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है और इसका सबसे अधिक उपयोग किया जा सकता है।पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्थिति को सुधारा नहीं गया, तो वह उचित आदेश पारित करने में संकोच नहीं करेगा।

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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दावा किया कि सहायता का वितरण लक्षित और न्यायसंगत था। शुरूआत में वितरण को केंद्रीकृत किया गया था, लेकिन अब यह राज्यों को भेजा जा रहा है और वे खुद तय करते हैं कि किन संस्थानों को सहायता देना चाहते हैं। पीठ ने कहा कि कल तक दिल्ली को दी जा रही सहायता दिल्ली सरकार को नहीं दी जा रही थी। पीठ ने केंद्र से पूछा यह स्थिति कब बदली गई है।

अदालत मित्र व वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने अदालत को बताया कि रिकॉर्ड पर कुछ दस्तावेजों के अनुसार सहायता दिल्ली सरकार को देने के बजाए दिल्ली के संस्थानों में जा रही है। पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह चार्ट पेश करके बताए कि दिल्ली को कितनी सहायता भेजी गई है और किन संस्थानों में इसे वितरित किया गया है। 


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