Move to Jagran APP

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल के संबंध में दिल्ली सरकार बताए, कब मानेगी हाई कोर्ट का आदेश

पीठ ने कहा कि गत वर्ष सितंबर में हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन दिल्ली सरकार आज तक इसपर कुछ नहीं कर पाई है।

By Edited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 10:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 10:31 PM (IST)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल के संबंध में दिल्ली सरकार बताए, कब मानेगी हाई कोर्ट का आदेश
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल के संबंध में दिल्ली सरकार बताए, कब मानेगी हाई कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली [जेएनएन]। हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल के संबंध में अपने पूर्व में दिए आदेश के पालन को लेकर दिल्ली सरकार से समयसीमा बताने को कहा है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने कहा कि गत वर्ष सितंबर में हाई कोर्ट ने इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन दिल्ली सरकार आज तक इसपर कुछ नहीं कर पाई है। केवल अस्थायी इंतजाम हो रहे हैं, कोई स्थायी समाधान नजर नहीं आता। पीठ ने दो सप्ताह में हाई कोर्ट के आदेश अनुसार काम किए जाने की समयसीमा निर्धारित की है। पीठ ने कहा कि हमें लगता है कि जो किए जाने की जरूरत है, वह नहीं हो रहा।

prime article banner

रोटी अधिकार अभियान की तरफ से दायर की गई याचिका

दरअसल, हाई कोर्ट ने एक एनजीओ दिल्ली रोटी अधिकार अभियान की तरफ से दायर की गई याचिका पर दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में उचित कदम उठाने को कहा था। एनजीओ ने मांग की थी कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल के अंतर्गत लाभार्थियों को बिना आधार कार्ड के इससे जुड़े लाभ दिए जाएं। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों के मुताबिक जरूरी कदम उठाने को कहा था।

Image result for केजरीवाल हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा था कि एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल को लागू करने में आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए काम करे। एनजीओ ने याचिका में कहा था कि दक्षिणी दिल्ली में झुग्गियों में रहने वाले कुछ लोग रियायती दरों पर अनाज नहीं ले पा रहे, क्योंकि उनके पास आधार नहीं है। सरकार को इस सिस्टम की खामी को दूर करना चाहिए।

गौरतलब है कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) के तहत लोगों को पांच किलो तक अनाज एक से तीन रुपये की रियायती दरों पर दिया जाता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को जरूरी बताया था। केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ याचिका दायर कर कहा गया है कि इसके लिए आधार कार्ड को जरूरी करना मौलिक अधिकार के खिलाफ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.