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दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया रोचक फैसला, जानकर आप भी करेंगे तारीफ

डीडीए ने पीठ को बताया कि स्कूल निर्माण के लिए 26 फरवरी को भूमि आवंटित की है। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि तीन महीने में निर्माण शुरू करें। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह अधिवक्ता अशोक अग्रवाल से नींव का पत्थर रखवाएं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 01:39 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया रोचक फैसला, जानकर आप भी करेंगे तारीफ
कोर्ट ने भूमि आवंटित नहीं करने पर अदालत ने डीडीए उपाध्यक्ष की खिंचाई की।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। किराड़ी स्थित प्रेम नगर में नए सरकारी स्कूल के निर्माण के लिए जमीन नहीं आवंटित करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिलचस्प निर्देश दिया है। स्कूल के लिए भूमि आवंटित करने की जानकारी पर न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को कहा है कि निर्माण कार्य शुरू होने पर अधिवक्ता अशोक अग्रवाल को नींव का पत्थर रखने के लिए आमंत्रित करें। सुनवाई के दौरान डीडीए ने पीठ को बताया कि स्कूल के निर्माण के लिए 26 फरवरी को भूमि आवंटित कर दी गई है। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि तीन महीने के अंदर स्कूल का निर्माण कार्य शुरू करें। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह अधिवक्ता अशोक अग्रवाल से नींव का पत्थर रखवाएं।

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पिछली तारीख पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भूमि आवंटित नहीं करने पर अदालत ने डीडीए उपाध्यक्ष की खिंचाई करते हुए पूछा था कि आखिर अदालत के आदेश के बावजूद भी स्कूूल के लिए अभी तक जमीन क्यों नहीं आवंटित की गई। पीठ ने कहा था कि आखिर स्कूल के लिए जमीन आवंटित करने में समस्या क्या है।

पीठ ने डीडीए को स्कूल के लिए जमीन आवंटित करने का आदेश दिया। साथ ही पीठ ने अदालत के आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट दो मार्च को होने वाली अगली सुनवाई पर पेश करने का निर्देश दिया। सरकारी स्कूल के निर्माण के लिए डीडीए को शिक्षा निदेशालय को जमीन आवंटित करना था, लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद भी जमीन आवंटिन नहीं की गई। भूमि आवंटित नहीं होने पर गैर सरकारी संगठन हमारा प्रयास समाजिक संस्थान ने डीडीए व शिक्षा निदेशालय के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की थी। एनजीओ की तरफ से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि अदालत के आदेश के 15 महीने बाद भी अब तक डीडीए व शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

याचिकाकर्ता ने डीडीए उपाध्यक्ष व शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश पर जानबूझकर अदलात के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाया है। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पीठ को बताया कि प्रेम नगर में कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है। ऐसे में हजारों बच्चों को रेलवे लाइन पार करके दूरदराज इलाके के स्कूलों में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आसपास कोई स्कूल नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में बच्चे स्कूल से वंचित हैं। इसे देखते हुए हाई कोर्ट ने सितंबर 2019 में डीडीए और शिक्षा निदेशालय को नया सरकारी स्कूल खोलने का आदेश दिया था।


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