रमजान में खुलेगा निजामुद्दीन मरकज, पर नहीं होगी कोई तब्लीगी गतिविधि : हाई कोर्ट
दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के बाद पीठ ने यह भी कहा कि परिसर के प्रत्येक मंजिल के प्रवेश निकास और सीढ़ियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मरकज प्रबंधन की होगी कि रमजान के समय सीसीटीवी कैमरे चलते रहें।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रमजान में नमाजियों को नमाज अदा करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को दोबारा से निजामुद्दीन मरकज को खोलने की अनुमति दे दी। हालांकि, न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि परिसर में कोई तब्लीगी गतिविधियां और व्याख्यान नहीं हो सकती है। पीठ ने निर्देश दिया कि रमजान के लिए मस्जिद चूड़ी वाली में भूतल और चार मंजिलों पर नमाज और धार्मिक प्रार्थना की अनुमति रहेगी। पीठ ने यह भी कहा कि यह व्यवस्था केवल रमजान के एक महीने के लिए ईद-उल-फितर के साथ समाप्त होगी।
मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान तब्लीगी जमात के सदस्यों के संक्रमित होने के बाद से मरकज बंद है।समय- समय पर इसे प्रतिबंधों के साथ खोलने की अनुमति दी गई थी। दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के बाद पीठ ने यह भी कहा कि परिसर के प्रत्येक मंजिल के प्रवेश, निकास और सीढ़ियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। पीठ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी मरकज प्रबंधन की होगी कि रमजान के समय सीसीटीवी कैमरे चलते रहें।
बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन में मस्जिद बंग्ले वाली को सशर्त खोलने पर सहमति जताई थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शब-ए-बारात के दौरान प्रवेश करने से जुड़े अदालत के आदेश के तहत रमजान में नमाजियों को मस्जिद में आने की अनुमति दी जाएगी। हाई कोर्ट ने 16 मार्च को शब-ए-बारात त्योहार पर नमाज अदा करने के लिए निजामुद्दीन मरकज में मस्जिद बंग्ले वाली के भूतल समेत चार तलों को दोबारा से खाेलने की अनुमति दी थी।
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने याचिका दायर कर मरकज खोलने की अनुमति देने की मांग की थी। काेरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मरकज के अंदर संक्रमित पाए गए तब्लीगी जमात के सदस्यों के कारण मार्च 2020 में मरकज बंद कर दिया था और तब से यह बंद है।