कक्षा 10वीं के अंकों के लिए मूल्यांकन पर सीबीएसई को दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
CBSE 10th Board result 2021 दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने 10वीं कक्षा के निजी छात्रों के लिए मूल्यांकन योजना पर स्पष्टता की मांग करने वाली याचिका पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड () को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने 10वीं कक्षा के निजी छात्रों के लिए मूल्यांकन योजना पर स्पष्टता की मांग करने वाली याचिका पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) को नोटिस जारी किया है। बोर्ड परीक्षा रद होने के बाद दसवीं बोर्ड के अंक निर्धारित करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा बनाई गई आंतरिक मूल्यांकन नीति को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जस्टिस फार आल ने साथ ही नीति में संशोधन करने की भी मांग की है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही सीबीएसई को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
अधिवक्ता खगेश झा के माध्यम से दायर याचिका में एनजीओ ने दलील दी है कि सीबीएसई की नीति बच्चों के हित में नहीं है। इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताते हुए संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की गई है। उन्होंने दलील दी कि किसी स्कूल के पहले के छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर मौजूदा छात्रों की तुलना नहीं की जा सकती। जरूरी नहीं है कि अगर पूर्व छात्रों बेहतर परिणाम नहीं दे सके तो इस बार के छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।
याचिका में कहा गया कि बोर्ड ने नीति बनाई है वह छात्रों के तीन साल के रिकार्ड व उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक देगी। इतना ही नहीं नीति के तहत यदि कोई छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं है तो इसकी शिकायत करने के लिए सीबीएसई ने कोई प्रणाली या शिकायत निवारण तंत्र नहीं बनाया है। इतना ही नहीं अगर शिक्षक ने गलती से किसी छात्र का गलत अंक चढ़ा दिया है तो उसमें सुधार की कोई गुंजाईश नहीं होगी।