गूगल-मैप के जरिए थाने में हाजिरी देगा 73 साल का बुजुर्ग, जानें क्या है पूरा मामला
हाई कोर्ट ने कहा कि दोषी के वर्तमान स्वास्थ्य की स्थिति और कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जेल में रखना सुरक्षित नहीं है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। एक नाबालिग से दुष्कर्म करने के जुर्म के लिए फरवरी 2020 में दोषी ठहराए गए सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक बाबू लाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने सशर्त रिहा करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने निर्देश दिया कि दोषी को प्रतिदिन गूगल-मैप के माध्यम से स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
पीठ ने 73 वर्षीय दोषी की चिकित्सा स्थिति और उसे कमजोर श्रेणी में रखने के सुझाव को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया। बेंच ने कहा कि दोषी के वर्तमान स्वास्थ्य की स्थिति और कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जेल में रखना सुरक्षित नहीं है। पीठ ने दोषी की सजा को निलंबित करते हुए स्पष्ट किया कि उसे प्रत्येक शुक्रवार को सुबह 11 बजे से 11.30 बजे के बीच जांच अधिकारी को वीडियो कॉल करना होगा और यदि जांच अधिकारी अनुपलब्ध है, तो जहां मामला दर्ज हुआ है उस थाने के एसएसओ को वीडियो कॉल करेगा।
दोषी को गूगल मैप के जरिए ड्रॉप-ए-पिन करना होगा
हाई कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि इसके साथ ही दोषी को गूगल मैप के जरिए ड्रॉप-ए-पिन करना होगा ताकि जांच अधिकारी एवं एसएचओ उसकी वर्तमान लोकेशन को सत्यापित कर सकें। पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जेल के अंदर भीड को कम करने और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपीलकर्ता की सजा को अंतरिम निलंबित किया जाता है।
दोषी ने दिया बीमारी का हवाला
दोषी बाबू लाल ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देकर राहत की मांग की थी। उसने एक निजी अस्पताल की डिस्चार्ज समरी का हवाला दिया जिसमें वर्ष 2016 में टाइप -2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और ब्रोन्कियल अस्थमा सहित अन्य बीमारियों का उपचार किया गया था।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना संकमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है। दिल्ली में बिना वजह से घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।