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दिल्ली हाई कोर्ट ने चिकित्सक की याचिका खारिज कर दी, वजह जानने के लिए पढ़िए टिप्पणी

पीठ ने छुट्टी माफ करने की याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि अदालत का फैसला महामारी के दौरान डाक्टरों द्वारा की गई सेवा के लिए आभार की कमी से नहीं बल्कि पाठ्यक्रम को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत सीमाओं से निकला है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 04:22 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 05:13 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने चिकित्सक की याचिका खारिज कर दी, वजह जानने के लिए पढ़िए टिप्पणी
एक चिकित्सक की मांग को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना माहामरी के मरीजों का इलाज के कारण ली गई अत्यधिक छुट्टी माफ करके अंतिम अविध की परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की एक चिकित्सक की मांग को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया। सुपर-स्पेशियलिटी कोर्स कर रहे चिकित्सक को राहत देने से इन्कार करते हुए न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि आवश्यकताएं इस प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण और उपस्थिति की सीमा से परे हैं।

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पीठ ने छुट्टी माफ करने की याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि अदालत का फैसला महामारी के दौरान डाक्टरों द्वारा की गई सेवा के लिए आभार की कमी से नहीं, बल्कि पाठ्यक्रम को नियंत्रित करने वाले नियमों के तहत सीमाओं से निकला है। एक उम्मीदवार को तीन वर्षों के दौरान सिर्फ 102 दिन छुट्टी लेने की अनुमति है, जबकि 226 दिनों की छुट्टी और कोरोना महामारी के कारण 194 दिनों के मेडिकल अवकाश लेने के कारण परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य माना गया।

संस्थान ने पीठ को बताया था कि नियम के तहत अतिरिक्त छुट्टियों में किसी भी प्रकार की छूट का प्रावधान नहीं है। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता एक सीनियर रेजिडेंट है और ऐसे में अत्यधिक छुट्टी के सवाल से प्रशिक्षण की आवश्यकता को पूरी तरह से अलग नहीं किया जा सकता है।


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