दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को दिया बेड और वेटिलेटर बढ़ाने के निर्देश
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना के मरीजों की परेशानी को देखते हुए जल्द-से-जल्द बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना के मरीजों की परेशानी को देखते हुए जल्द-से-जल्द बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए। इसके अलावा वेटिलेटर की संख्या भी बढ़ाने का आदेश दिया गया है ताकि कोविड-19 के लक्षण से जूझ रहे मरीजों को इलाज मिलने में सहूलियत हो।
ऐसा आदेश नहीं जिसे लागू करना मुश्किल
बता दें कि हाई कोर्ट ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अत्यधिक शुल्क नहीं वसूलने और धन की कमी की वजह से इलाज से इन्कार नहीं करने का मुद्दा अच्छा है। लेकिन, न्यायालय द्वारा इस संबंध में कोई भी आदेश नहीं दिया जा सकता, क्योंकि जनहित मुकदमें में ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता, जिसे लागू करना मुश्किल हो। इस टिप्पणी के साथ ही मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीत जालान की पीठ ने अधिवक्ता अमित साहनी की याचिका का निपटारा कर दिया।
कई अस्पताल कोविड-19 अस्पताल बने
अमित ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने कई अस्पतालों को कोरोना अस्पताल घोषित कर दिया। तीन जून तक के आदेश में अधिकारियों ने तीन निजी अस्पतालों मूल चंद खैराती लाल अस्पताल, सरोज सुपर स्पेशियलटी अस्पताल और सर गंगा राम अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित किया।
कमजोर वर्ग के मरीजों को सेवा देने के लिए बाध्य
ये अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग मरीजों को 10 प्रतिशत आइपीडी और 25 प्रतिशत ओपीडी सेवाएं मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं। इन अस्पतालों में से एक के परिपत्र में मरीज के लिए न्यूनतम बिल तीन लाख तय किया गया। साथ ही कहा गया कि मरीज को दो बेड-तीन बेड श्रेणी में चार लाख रुपये अग्रिम भुगतान करने पर ही भर्ती किया जाएगा।