दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा सार्वजनिक कार्यक्रम में साउंड सिस्टम बजाने पर क्या है आपकी राय?
आल इंडिया साउंड एंड लाइट एसोसिएशन की याचिका पर न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को इस संबंध में निर्देश लेने को कहा। विवाह लाइव इवेंट राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों आदि में साउंड सिस्टम लगाने का व्यवसाय करते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) अधिनियम-2000 के तहत सार्वजनिक कार्यक्रम में साउंड-सिस्टम बजाने के संबंध में एक व्यवस्था स्थापित करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली का रुख पूछा है। आल इंडिया साउंड एंड लाइट एसोसिएशन की याचिका पर न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को इस संबंध में निर्देश लेने को कहा। मामले में अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि विवाह, लाइव इवेंट, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों आदि में साउंड सिस्टम लगाने का व्यवसाय करते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके व्यवसाय के बंद होने के खतरे है। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण अधिनियम में दिशानिर्देशों की निगरानी और पालन करने के लिए किसी भी नामित प्राधिकारी के न होने के कारण अधिकारी पूरी तरह से प्रतिबंध के आदेश लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर साउंड सिस्टम, लाउडस्पीकर आदि चलाने का लाइसेंस या अनुमति देने के लिए सरकार द्वारा किसी अधिकारी को नियुक्त नहीं किया गया है।उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी मौजूदा नियम या दिशानिर्देशों को चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि उनकी शिकायत यह है कि इन नियमों पर कोई स्पष्टता नहीं है।