दिल्ली HC ने रक्षा मंत्रालय से पूछा- भारतीय सेना की नर्सिंग सेवा में एक भी पुरुष क्यों नहीं
याचिका में सैन्य नर्सिंग सेवा अध्यादेश 1943 और सैन्य नर्सिंग सेवा (भारत) नियम 1944 के प्रावधानों को चुनौती दी गई है। इसमें सिर्फ महिलाओं की नियुक्ति का प्रावधान है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय सेना की नर्सिंग सेवा में केवल महिलाओं की भर्ती पर हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा है कि नर्सिंग सेवा में सिर्फ महिलाएं ही क्यों हैं? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि सेना में यह प्राचीन अभ्यास क्यों जारी है और क्यों भारतीय सेना की नर्सिंग सेवा में पुरुषों की भर्ती नहीं हो सकती।
इंडियन प्रोफेशनल नर्सेस एसोसिएशन की तरफ से अमित जॉर्ज और ऋषभ धीर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में सैकड़ों की संख्या में प्रशिक्षित और योग्य पुरुष हैं। इसके बावजूद अन्यायपूर्ण तरीके से उन्हें इस रोजगार से वंचित रखा जा रहा है।
याचिका में सैन्य नर्सिंग सेवा अध्यादेश 1943 और सैन्य नर्सिंग सेवा (भारत) नियम 1944 के प्रावधानों को चुनौती दी गई है। इसमें सिर्फ महिलाओं की नियुक्ति का प्रावधान है। याचिका ने भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा अध्यादेश से महिला शब्द को रद करने और पुरुषों को भी मौका देने की मांग की गई।