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DU Open Book Exams 2020: डीयू को HC से मिली ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने की इजाजत

DU Open Book Exams 2020 शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 10 अगस्त से ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के दिल्ली विश्वविद्यालय के फैसले को बरकरार रखा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 12:38 PM (IST)
DU Open Book Exams 2020: डीयू को HC से मिली ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने की इजाजत
DU Open Book Exams 2020: डीयू को HC से मिली ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने की इजाजत

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। DU Open Book Exams 2020: दिल्ली विश्वविद्यालय अब अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कर सकेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू को कुछ शर्तों के साथ तय तारीख व समय पर ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने की इजाजत दे दी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 10 अगस्त से ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के दिल्ली विश्वविद्यालय के फैसले को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट की ओर से कुछ दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी को ओपन बुक परीक्षाओं के दौरान पालन करना होगा, उससे परीक्षाएं कराने के बाद अदालत को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने ओपन बुक परीक्षा मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले मंगलवार को ओपन बुक परीक्षा कराने के दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई हुई थी। इस दौरान छात्रों द्वारा ठीक से कपड़े न पहनने और स्क्रीन पर आ रहे मैसेज को देखकर नाराज दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कैमरा व माइक बंद करने का निर्देश दिया था।

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न्यायमूर्ति के अलावा माइक और कैमरा बंद रखना अनिवार्य

महामारी के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति व अधिवक्ता के अलावा सभी को माइक और कैमरा बंद रखना होता है। स्क्रीन पर आए कुछ संदेशों में एक था कि मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय से नफरत है। पीठ ने जब पूछा कि ये मैसेज कौन भेज रहा है तो याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि ये छात्र होंगे और कोर्ट मास्टर ने उन्हें वेब-लिंक उपलब्ध कराया होगा।

कोर्ट की नाराजगी के बाद बंद हुआ माइक और कैमरा

कोर्ट की नाराजगी के बाद अधिवक्ता ने चैट-बॉक्स में एक मैसेज डालकर छात्रों को माइक और कैमरा बंद करने को कहा। सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंतिम वर्ष की परीक्षा का आंकलन नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि जहां तक अंतिम वर्ष की परीक्षा की बात है ये ऑनलाइन-ऑफलाइन या अन्य माध्यम हो सकती है, लेकिन इसे प्रतिनिधित्व के माध्यम से नहीं किया जा सकता है।


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