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Nizamuddin Markaz: दिनभर में पांच वक्त की नमाज के लिए 50 लोगों को मरकज जाने की अनुमति

दिल्ली हाई कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा कि एक दिन में पांच बार 50 लोग मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ सकते हैं। नमाज पढ़ने वालों को संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ेगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 04:27 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 07:29 PM (IST)
Nizamuddin Markaz: दिनभर में पांच वक्त की नमाज के लिए 50 लोगों को मरकज जाने की अनुमति
एक दिन में पांच बार 50 लोग मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ सकते हैं।

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। निजामुद्​दीन मरकज में रमजान के महीने में नमाज पढ़ने का रास्ता कुछ पाबंदियों के साथ साफ हो गया है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने यह कहते हुए एक दिन में पांच वक्त की नमाज के लिए पचास लोगों को जाने की अनुमति दे दी कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अधिसूचना में धार्मिक स्थलों को बंद करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गये हैं। पीठ ने यह भी रिकॉर्ड पर लिया कि अन्य धार्मिक स्थल पर भीड़ जुटने की की अनुमति देने के संबंध में केंद्र सरकार को पक्ष स्पष्ट नहीं है।

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पीठ ने कहा कि नमाज मरकज के प्रथम तल पर अदा की जाएगी और यह भी कहा कि डीडीएमए के दस अप्रैल की अधिसूचना के तहत इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। पीठ ने कहा कि क्योंकि डीडीएमए की अधिसूचना में धार्मिक स्थल नहीं बंद किये गए हैं, ऐसे में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने प्राथमिक तौर पर नमाजियों के लिए मरकज खोलने की अनुमति देने के संबंध में सही दलील दी है।

पीठ ने एसएचओ निजामुद्​दीन को निर्देश दिया कि वह पांच बार पचास लोगों को मस्जिद बेंगने वाली के प्रथम तल पर नमाज अदालत करने के लिए प्रवेश दें। इस दौरान शारीरिक दूरी व मास्क लगाने समेत अन्य काेरोना नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी आदेश दिया। हालांकि, पीठ ने मस्जिद के अन्य तलों के इस्तेमाल की अनुमति देने की वक्फ बोर्ड की मांग को पीठ ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि दिन-प्रति-दिन स्थिति भयावह होती जा रही है। पीठ ने कहा कि गंभीर होती दिल्ली की स्थिति के प्रति जागरुक हो। हालांकि, बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा बार-बार अनुरोध करने पर पीठ ने उन्हें इस संबंध में एसएचओ को आवेदन देने को कहा। पीठ ने उक्त निर्देशों के साथ मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले केंद्र सरकार ने स्थिति रिपोर्ट पेश करके कहा कि अदालत नमाज अदा करने की अनुमति देने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, अन्य धार्मिक स्थल बंद होने पर स्पष्ट जवाब नहीं होने पर पीठ ने पूछा आखिर रिपोर्ट में यह स्पष्ट क्योंकि नहीं कि अन्य धार्मिक स्थल डीडीएमए की अधिसूचना के तहत बंद हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को साफ कहा गया था कि अदालत यह जानना चाहती है कि डीडीएमए की अधिसूचन के तहत सभी धार्मिक स्थल बंद हैं या नहीं। इसके जवाब में केंद्र की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने कहा कि कालकाजी मंदिर में आरती ऑनलाइन तरीके से की गई है, जबकि दर्शन की अनुमति दी गई थी।

वहीं, वक्फ बोर्ड ने दलील दी थी कि अनलाक-1 के बाद होटल से लेकर सभी स्थानों को खोल दिया गया, लेकिन मरकज अब भी बंद है। पिछले साल ही मरकज को उस वक्त सील कर दिया गया था, जब बड़ी संख्या में कोरोना केस के मामले तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों में पाए गए थे।


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