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क्या दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है? पढ़िये- स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का जवाब

24 घंटे के दौरान के आंकड़े से दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का संकेत नहीं माना जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:06 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:03 PM (IST)
क्या दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है? पढ़िये- स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का जवाब
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में बुधवार को 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 5,673 नए सामने आए जो एक दिन में सबसे ज्यादा है। 24 घंटे के दौरान इतने अधिक कोरोना के मामले सामने आने के बाद सवाल  उठने लगा है कि क्या दिल्ली में यह कोरोना की तीसरी लहर है? इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि बुधवार को दिल्ली में सामने आए कोरोना वायरस के रिकॉर्ड केस से तीसरी लहर का अनुमान लगाना सही नहीं हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, 24 घंटे के दौरान के आंकड़े से दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का संकेत नहीं माना जा सकता है।  इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। अपनी टिप्पणी में उन्होंने यह भी जोड़ा है कि हमें एक सप्ताह और इंतजार करना चाहिए, लेकिन हो सकता है कि हम इस फेज में ही हों। 

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जून में आया था पहला पीक

यहां पर बता दें कि दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 5,673 केस सामने आए जो एक दिन में सबसे ज्यादा हैं।इससे पहले दिल्ली में कभी भी एक दिन में 5000 से ज्यादा केस नहीं आए थे। यह अलग बात है कि पिछले महीने 16 सितंबर को 24 घंटे के दौरान 4,473 कोरोना के मामले सामने आए थे, उसके बाद से नए कोविड केस घट रहे थे। फिर अक्टूबर महीने से मामले बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में पहला पीक यानी कोरोना लहर जून में आई थी और दूसरा सितंबर में अब फिर से अचानक आई उछाल कहीं कोरोनी की तीसरी लहर का संकेत तो नहीं है।

AIIMS डायरेक्टर ने कहा- बरतें सावधानी, वरना बढ़ जाएगा खतरा

वहीं, दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इसके लिए तीन कारक जिम्मेदार हैं। पहला बदलता मौसम, दूसरा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति लोगों की रोकथाम के नियमों के प्रति लोगों की लापरवाही और तीसरा शायद प्रदूषण। उन्होंने इसके साथ ही चेताया भी है कि अगर इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो दिल्ली का हेल्थ सिस्टम चरमरा जाएगा।

दिल्ली में आ सकते हैं रोजाना 14000 से अधिक मामले

इससे पहले नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य डॉ वीके पॉल (Dr. VK Paul) की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह के दिशानिर्देश पर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को आगाह किया गया था कि सर्दियों के दौरान शहर में 14,000 से अधिक मामले सामने आ सकते हैं। हालांकि, वीके पॉल ने यह भी कहा था कि ऐसी कोई भविष्यवाणी नहीं की गई है, बल्कि तैयारी के लिए लिहाज से स्थिति का आंकलन किया गया है। डॉ पॉल ने  यह भी कहा था कि  रिपोर्ट में हमने यह नहीं कहा था कि 15 हज़ार मामले रोज़ाना होंगे और अगर ऐसा कैंपेन (कोरोना के विरुद्ध केंद्र सरकार का जन आंदोलन) चलेगा तो 15 हज़ार मामलों का तो सवाल ही नहीं उठता. उस रिपोर्ट में तैयारी करने की बात की गई है।

यह भी जानें

  • दिल्ली में बुधवार को 17,284 आरटीपीसीआर टेस्ट, जबकि 43,287 रैपिड एंटिजन टेस्ट किए गए।
  • दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 8.19 फीसद, जबकि मृत्यु दर 1.73 फीसद है।
  • 10 दिन के आंकड़ों के आधार पर मृत्यु दर 0.99 फीसद पहुंच गई है।
  • दिल्ली में बुधवार को 40 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई जबकि 4,128 लोग इलाज के बाद ठीक हो गए।
  • 16 सितंबर को 4,473 केस सामने आए थे। उसके बाद नए केसों की संख्या में गिरावट आने लगी थी लेकिन बीते शुक्रवार को फिर से 4 हजार से ज्यादा केस सामने आ गए।
  • रविवार को भी 4,136 केस आए।
  • सोमवार को 2,832 जबकि मंगलवार को 4,853 केस आए थे।

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