कोरोना की तीसरी लहर से पहले दिल्ली सरकार की तैयारी, मंत्री ने किया निर्माणाधीन शिशु अस्पताल का औचक निरीक्षण
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने डाबड़ी स्थित दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में चल रहे निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। तीसरी लहर में बच्चों पर संकट गहराने के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्माण कार्य गति देने का आदेश दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने डाबड़ी स्थित दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में चल रहे निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया। तीसरी लहर में बच्चों पर संकट गहराने के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्माण कार्य गति देने का आदेश दिया और कहा कि आगामी तीन माह के अंदर निर्माण कार्य को हर हाल में पूरा किया जाए।
बता दें अस्पताल में फिलहाल 106 बेड है, जिनकी संख्या को बढ़ाकर 281 करने का लक्ष्य है। 54 करोड़ की इस परियोजना को दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। नवंबर 2019 में विधानसभा चुनाव से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माण कार्य का शुभांरभ किया था। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक विनय मिश्रा को अस्पताल के बगल में खाली पड़ी डीडीए की दो जमीनों को हस्तांरण कराने के लिए अधिकारियों से बात करने की बात कहीं है।
इस दौरान अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. ब्रजेश कुमार व अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डा. दीपमाला मौजूद रहीं। डा. ब्रजेश ने कहा कि कोराेना महामारी के कारण जच्चा-बच्चा सेवाएं काफी प्रभावित हुई है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सहूलियत बढ़ेगी।
तीसरी लहर के लिए इंदिरा गांधी अस्पताल हो रहा तैयार
तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए द्वारका सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल का जल्द ही विस्तार कार्य शुरू किया जाएगा। फिलहाल अस्पताल में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर चल रहा है। पर तीसरी लहर से पूर्व यहां 1240 आक्सीजन बेड को शुरू करने की योजना है। जिसमें बच्चों के लिए भी 30 बेड का आइसीयू वार्ड तैयार किया जा रहा है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इंदिरा गांधी अस्पताल के पूर्ण रूप से शुरू होने के बाद तीसरी लहर के दौरान दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पर मामले कम होने के साथ ही अस्पताल का विस्तार कार्य धीमा हो गया है।