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दक्षिण दिल्ली में स्कूल के बाहर टूटी सड़कों पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

मदनपुर खादर स्थित में दो सरकारी और एक नगर निगम स्कूल के सामने करीब एक किलोमीटर की जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।

By Vineet TripathiEdited By: Mangal YadavPublished: Thu, 31 Mar 2022 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 31 Mar 2022 06:59 PM (IST)
दक्षिण दिल्ली में स्कूल के बाहर टूटी सड़कों पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
तीन स्कूल के बाहर जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर हाई कोर्ट में दायर हुई है याचिका

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मदनपुर खादर स्थित में दो सरकारी और एक नगर निगम स्कूल के सामने करीब एक किलोमीटर की जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दिल्ली सरकार, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) व दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 18 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

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साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़क कूड़ामुक्त होना सुनिश्चित किया जाए। पीठ ने इसके साथ ही इस पर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।सुनवाई के दौरान एसडीएमसी के तरफ से पेश अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि बीते कुछ दिनों में सड़क से कूड़ा हटा दिया गया है। हालांकि, सड़क के रखरखाव को लेकर दिल्ली सरकार, नगर निगम और डूसिब के बीच पैदा हुए विवाद पर पीठ ने सभी प्राधिकारियों को दस दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

वहीं सुनवाई के दौरान याचिका दाखिल करने वाली गैर सरकारी संस्था सोशल जूरिस्ट की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने सड़क की तस्वीरें पेश की। इस पर पीठ ने कहा कि तस्वीरों को देखकर सड़क की दुर्गती पता चलती है।

अशोक अग्रवाल के माध्यम से याचिका दायर कर एनजीओ ने कहा कि स्कूल आफ एक्सिलेंस व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक स्कूल तक जाने वाली जर्जर सड़क की मरम्मत कराने का निर्देश दिया जाए।

याचिका में कहा गया है कि खस्ताहाल सड़क होने के कारण हजारों की संख्या में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि सड़क इतनी खराब है कि वहां तक न तो सार्वजनिक परिवहन जा सकता है और ही न ही निजी वाहन।इतना ही नहीं सड्क पर पैदल चलना भी मुश्किल है।इस संबंध में अखिल भारतीय अभिभावक संघ की तरफ से दिल्ली सरकार को 23 मार्च को पत्र भी लिखा गया था, लेकिन अब तक इस पर कुछ नहीं हुआ।


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