हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील ने अदालत से कहा मेरे मरीज को बेड चाहिए, थोड़ी देर में मिली मौत की खबर, जानें पूरा वाक्या
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमित शर्मा ने पीठ को बताया कि उनके रिश्तेदार की तबियत खराब है और उन्हे बेड उपलब्ध कराया जाए। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार को कुछ करने को कहा लेकिन कुछ मिनट में मौत की खबर मिली।
नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता द्वारा अपने साथी के लिए बेड उपलब्ध लगाने की गुहार लगाना और फिर कुछ देर में उनकी मौत की खबर मिलने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी लाचारी व्यक्त की। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हम ऐसी स्थिति में अपनी लाचारी दर्ज करा सकते हैं। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के जीवन के अधिकार की सुरक्षा करने में नाकाम रही है।
थोड़ी देर बाद ही मिली मौत की सूचना
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमित शर्मा ने पीठ को बताया कि उनके रिश्तेदार की तबियत खराब है और उन्हे बेड उपलब्ध कराया जाए। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार को कुछ करने को कहा, लेकिन कुछ मिनट में अधिवक्ता शर्मा ने पीठ को बताया कि उनके रिश्तेदार की मौत हो गई है और अब कोई मदद करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे नाकाम रहे। इस पर पीठ ने कहा कि आप नहीं राज्य सरकार नाकाम साबित हुई है और हम सभी नाकाम साबित हुए हैं। हम अपनी पूरी लाचारी दर्ज करा सकते हैं। पीठ ने कहा कि हम बस यही कह सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत राज्य सरकार नागरिक के जीवन के अधिकार की सुरक्षा नहीं कर सकी।
तत्काल छोड़े जब्त किए गए 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन पुरी ने पीठ को बताया कि दिल्ली पुलिस द्वारा जब्त किए गए 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को तत्काल रिहा किया जाये। इस पर पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि कालाबाजारी करने वालों से जब्त किए गए 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को तत्काल रिहा किया जाये। पीठ ने कहा कि कानूनी कार्यवाही जारी रह सकती है, लेकिन यह समय की जरूरत है कि इन आक्सीजन कंसंट्रेटर्स को तत्काल मरीजों के लिए जरूरी अस्पताल को उपलब्ध कराया जाये।