दिल्ली हाई कोर्ट से गंगा राम अस्पताल को बड़ी राहत, FIR की कार्रवाई पर लगी रोक
कोविड-19 जांच से संबंधित नियम के उल्लंघन के आरोप में दर्ज प्राथमिकी की कार्यवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट से सर गंगा राम अस्पताल प्रबंधन को बड़ी राहत दी है। कोविड-19 जांच से संबंधित नियम के उल्लंघन के आरोप में दर्ज प्राथमिकी के बाद आगे की कार्रवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। दिल्ली पुलिस अब अगले आदेश तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी।
एफआइआर दर्ज होने के बाद गंगा राम अस्पताल प्रबंधन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जांच एवं आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग थी। मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा था जवाब
इससे पहले 15 जून को सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) के मामले में हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था। न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका पर अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
पांच जून दिल्ली सरकार ने दर्ज कराया था मामला
कोरोना के उपचार के लिए निर्धारित गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर अस्पताल के खिलाफ पांच जून को राजेंद्र नगर थाने में दिल्ली सरकार की तरफ से एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता रोहित अग्रवाल ने कोर्ट में कहा था कि चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने की अवज्ञा) के तहत यह रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसे रद किया जाना चाहिए। इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से कोरोना के मरीजों के नमूने लेने पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के 3 जून के आदेश को भी रद किया जाए।
अस्पताल पर यह है आरोप
675 बिस्तरों वाले एसजीआरएच को दिल्ली सरकार ने कोविड अस्पताल घोषित किया था। इस वजह से अस्पताल के 80 फीसद बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल कोरोना के नमूने एकत्र करते समय आरटी-पीसीआर एप का उपयोग नहीं कर रहा था। कोरोना के उपचार को लेकर जारी गाइडलाइंस के मुताबिक प्रयोगशालाओं के लिए आरटी-पीसीआर एप के माध्यम से नमूने एकत्र करना अनिवार्य है।
यह भी आरोप है कि महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अस्पताल द्वारा कोरोना विनियमन मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा था। परीक्षण प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नमूना संग्रह के केंद्रों पर डाटा को भरने के लिए प्रयोगशालाओं के लिए एक समर्पित आरटी-पीसीआर मोबाइल आधारित एप लांच किया था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने सभी लैब संग्रह और परीक्षण केंद्रों के लिए एप को डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया था।