National Herald Case: साेनिया व राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को हाई कोर्ट ने दी मोहलत
हाई कोर्ट ने भाजपा राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर 22 फरवरी को नोटिस जारी कर सभी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस महासचिव आस्कर फर्नांडीस सुमन दुबे सैम पित्रोदा और यंग इंडियन (वाई) से गांडीव के जवाब मांगा गया था।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने मामले की सुनवाई 18 मई तक के लिए स्थगित कर दी। सोनिया- राहुल समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा और तरन्नुम चीमा ने कहा कि कोरोना के कारण कार्यालय बंद है और इस वजह से जवाब नहीं दाखिल कर सके। उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए और समय देने की मांग की।
हाई कोर्ट ने भाजपा राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर 22 फरवरी को नोटिस जारी कर सभी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस महासचिव आस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन (वाई) से गांडीव के जवाब मांगा गया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने 11 फरवरी के निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने मुकदमा चलाने का निर्देश देने की मांग वाली स्वामी याचिका काे खारिज कर दिया था।
शशि थरूर पर आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित
वहीं, चर्चित सुनंदा पुष्कर मौत मामले में आरोपित बनाए गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर चल रही जिरह पूरी होने के बाद राउज एवेन्यू काेर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल 29 अप्रैल काे अपना फैसला सुना सकती हैं।
अभियोजन पक्ष ने शशि पर भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 498-ए के तहत आत्महत्या और क्रूरता के लिए उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत से कहा कि मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल ने उनके मुवक्किल पर लगे सभी आरोपों से पूरी तरह से बरी किया है। पाहवा ने मामले में थरूर को आरोप मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है जो उक्त आरोपों को साबित कर सकें। उन्होंने कहा कि सुनंदा की मौत को आकस्मिक माना जाना चाहिए।
पाहवा ने यह भी दलील दी कि पुष्कर की तबियत दिल्ली पहुंचने से पहले ही काफी खराब थी। थरूर पर धारा 498-ए और 306 के तहत आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। पांच जुलाई 2018 को थरूर को जमानत दी गई थी। सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात को शहर के एक होटल में मृत पाई गई थीं।