Move to Jagran APP

प्रेमी युगल दंपत्ति के उत्पीड़न मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया यूपी सरकार को आखिरी मौका, जांच रिपोर्ट नहीं देने पर नाराज

घर से भाग कर शादी करने वाले युगल दंपत्ति के उत्पीड़न के मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आखिरी मौका दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 03:58 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 03:58 PM (IST)
प्रेमी युगल दंपत्ति के उत्पीड़न मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया यूपी सरकार को आखिरी मौका, जांच रिपोर्ट नहीं देने पर नाराज
दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच की स्थिति रिपोर्ट नहीं दाखिल करने पर उठाया सवाल

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। घर से भाग कर शादी करने वाले युगल दंपती के उत्पीड़न के मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ की गई जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आखिरी मौका दिया है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को केवल यह देखना था कि क्या संबंधित अधिकारी दिल्ली आए थे और दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इसकी जांच में दो दिन से अधिक समय नहीं लगता है। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ और समय देने की मांग की। इस पर पीठ ने दो दिन के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

loksabha election banner

याचिका के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस ने परिवार की मर्जी के खिलाफ युवती से शादी करने वाले दिल्ली के युवक के पिता और भाई को को अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्होंने याचिका दायर कर दावा किया कि दाेनों ने अपनी मर्जी से शादी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस को बताए बिना उनके दिल्ली स्थित आवास से की गई।

इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले पीठ को सूचित किया था कि संबंधित एसएचओ और सब इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में गत सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के आचरण पर फटकार लगाते हुए कहा था कि आप दिल्ली में अवैध काम नहीं कर सकते।

हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि आरोपितों को शामली जिले के एक बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उन्हें बार-बार धमकियां मिल रही थीं और उस व्यक्ति के पिता और भाई को पिछले डेढ़ महीने से पुलिस और उनके ठिकाने का पता नहीं चला है। अदालत ने मामले में गिरफ्तारी करने से पहले महिला की उम्र की पुष्टि नहीं करने के लिए भी पुलिस की खिंचाई की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.