हत्या की कोशिश के आरोपित को HC ने सुनाई सजा, बंगला साहिब गुरुद्वारे में एक महीने तक करे सामुदायिक सेवा
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद जस्टिस प्रसाद द्वारा सुनाई गई सजा के मुताबिक आरोपित मोहम्मद उमैर को आगामी 16 मार्च से अगले महीने 16 अप्रैल तक दिल्ली के नामी गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करनी होगी।
नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में हत्या की कोशिश के आरोपित 21 वर्षीय युवक को सजा के तौर पर एक महीने तक दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है। आरोपित का नाम मोहम्मद उमिर और पछतावे पर दिल्ली हाई कोर्ट उसे इस तरह की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि युवाओं को अपने गुस्से को काबू करना सीखना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखना चाहिए कि वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते।
पड़ोसी पर किया था चाकू से हमला
सजा के तहत हत्या के प्रयास के आरोपित 21 वर्षीय युवक को एक माह तक बंगला साहिब गुरुद्वारे में सेवा करनी होगी। 16 मार्च से 16 अप्रैल तक सेवा के बाद उसे एक प्रमाण पत्र गुरुद्वारे से प्राप्त कर हाई कोर्ट में दाखिल करना होगा। यह आदेश हाई कोर्ट ने दिया है क्योंकि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। साथ ही हाई कोर्ट ने एफआईआर रद करने का भी आदेश दिया है। मोहम्मद उमिर नाम के युवक के खिलाफ उसके पड़ोसी की शिकायत पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज हुआ था। उमिर ने अपने पड़ोसी को सब्जी काटने वाले चाकू से वार कर घायल कर दिया था।
21 वर्षीय मोहम्मद उमैर को अपने किए पर पछतावा
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद ने शुक्रवार को हत्या की कोशिश के आरोपित मोहम्मद उमिर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया। इसके साथ ही सजा के एलान के दौरान न्यायाधीश ने टिप्पणी में कहा कि आरोपित मोहम्मद उमिर सिर्फ 21 वर्षीय युवा है। ऐसे में उसका पूरा जीवन उसके आगे पड़ा है। इसमें यह भी महत्वपूर्ण है कि आरोपित और पीड़ित पक्ष ने आपस में समझौता भी कर लिया है। वहीं, मोहम्मद उमिर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
मोहम्मद उमिर पूरी करनी होगी सजा
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद जस्टिस प्रसाद द्वारा सुनाई गई सजा के मुताबिक, आरोपित मोहम्मद उमिर को आगामी 16 मार्च से अगले महीने 16 अप्रैल तक दिल्ली के नामी गुरुद्वारा बंगला साहिब में सामुदायिक सेवा करनी होगी। इतना ही नहीं, मोहम्मद उमिर द्वारा एक महीना पूरा होने के बाद हाई कोर्ट में गुरुद्वारा बंगला साहिब से मिला एक प्रमाण पत्र दायर करना होगा। इसमें यह लिखा होगा कि मोहम्मद उमिर ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा का पूरा अनुपालन किया।
आरोपित को देना होगा एक लाख रुपये का जुर्माना
सजा सुनाने के दौरान हाई कोर्ट ने आरोपित पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही कोर्ट की ओर से ऐसी गतिविधियों में भविष्य में शामिल न होने और भविष्य में अपराध से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई है।