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जेल में कैदियों के टीकाकरण अभियान पर रिपोर्ट पेश करे दिल्ली सरकार, हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

पीठ ने कहा कि टीके की दूसरी खुराक देने को लेकर अधिकारियों का क्या प्लान है इस संबंध में सरकार हलफनामा दायर करे। पीठ ने जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को समय दिया ताकि पता चल सके कि जेल में उन कैदियों पर टीकाकरण कार्यक्रम कैसे चल रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:16 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दूसरी डोज के संबंध में मांगी जानकारी

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जेल में बंद मौजूदा और आने वाले कैदियों को लेकर कोरोना टीकाकरण अभियान के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि टीके की दूसरी खुराक देने को लेकर अधिकारियों का क्या प्लान है इस संबंध में सरकार हलफनामा दायर करे। पीठ ने साथ ही जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को समय दिया, ताकि यह पता चल सके कि जेल में उन कैदियों पर टीकाकरण कार्यक्रम कैसे चल रहा है। फिर चाहे वे जेल में पहले से बंद हों, विचाराधीन हों या दोषी या फिर जो वहां नये कैदी आ रहे हैं।

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मुख्य पीठ ने इसके साथ ही सरकार से यह भी जानकारी देने को कहा कि समय-समय पर कैदियों पर स्वास्थ्य जांच कैसे की जाती है। मामले में अगगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। सभी कैदियों का टीकाकरण कराने की मांग को लेकर दायर अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से दो याचिकाओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, ताकि जेल के अंदर काेराेना संक्रमण न फैले। याचिका दायर करने वाले जमानत या पैरोल पर बाहर थे। पीठ ने कहा कि जेल में बंद सभी लोगों को टीका लगवाया जाएगा और जो लोग बाहर से जेल आ रहे हैं उन्हें भी टीका लगाया जाएगा।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जेल में अब तक हुए टीकाकरण करा चुके कैदियों के संबंध में ताजा स्थिति रिपोर्ट पेश की जाएगी। दो में एक याचिका उम्रकैद की सजा काट रही 63 वर्षीय महिला ने दायर की है। उसने मांग की है कि सभी कैदियों, विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों जो जमानत, पैरोल या फरलो पर बाहर थे उनके आत्मसमर्पण करने से पहले उनका टीकाकरण कराया जाए।

दो याचिकाओं में दावा किया गया है कि 14 जनवरी तक दिल्ली की तीन जेलों में 16396 कैदी थे, जबकि इनकी क्षमता दस हजार 26 है, ऐसे में वहां शारीरिक दूरी के निमयों का पालन नहीं हो सकता है।


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