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Anil Deshmukh CBI case: आनंद डागा की जमानत याचिका पर दिल्ली HC ने सीबीआइ से मांगा जवाब

आरोप है कि अनिल डागा ने सीबीआइ के एक जूनियर अधिकारी अभिषेक तिवारी को रिश्वत दी थी। फिलहाल आनंद डागा और अभिषेक तिवारी दोनों ही सीबीआइ की गिरफ्त में हैं। आनंद डागा को सीबीआइ टीम ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई से दिल्ली लेकर आई है।

By Jp YadavEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:15 PM (IST)
Anil Deshmukh CBI case: आनंद डागा की जमानत याचिका पर दिल्ली HC ने सीबीआइ से मांगा जवाब
Anil Deshmukh CBI case: आनंद डागा की जमानत याचिका पर दिल्ली HC ने सीबीआइ से मांगा जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में क्लीन चिट देने के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) के वकील आनंद डागा (lawyer Anand Daga ) की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। आनंद डागा की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से जवाब मांगा है।

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आरोप है कि अनिल डागा ने सीबीआइ के एक जूनियर अधिकारी अभिषेक तिवारी को रिश्वत दी थी। फिलहाल आनंद डागा और अभिषेक तिवारी दोनों ही सीबीआइ की गिरफ्त में हैं। आनंद डागा को सीबीआइ टीम ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई से दिल्ली लेकर आई है।

जांच में सीबीआइ ने पाया है कि आनंद डागा और अभिषेक तिवारी दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। जांच अधिकारियों की मानें तो आनंद डागा सीबीआइ के नहीं, बल्कि अनिल देशमुख के वकील थे। ऐसे में सीबीआइ के वरिष्ठ अधिकारियों का अपने जूनियर अधिकारी और अनिल देशमुख के वकील पर शक हुआ।

इसके बाद सीबीआइ की पूछताछ में सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी के खुलासे पर वकील आनंद डागा का नाम सामने आ गया। जांच के दौरान जब दोनों के मोबाइल फोन का सीडीआर व अन्य टेक्निकल ऐविडेंस खंगाले गए तो दोनों के बीच संपर्क पाया गया, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने ही महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से संबंधित जांच के मामले में अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोप पत्र के समकक्ष) पेश की। अनिल देशमुख पर ईडी का आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र का गृहमंत्री रहने के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर मुंबई पुलिस के तत्कालीन एपीआई सचिन वाझे की मदद से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। उन्होंने वाझे के जरिए मुंबई के विभिन्न बार मालिकों से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली करवाकर मनी लांड्रिंग के जरिए नागपुर से दिल्ली भेजवाए। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 


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