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Delhi GST Return Scam: जीएसटी रिफंड घोटाले का भंडाफोड़, छह गिरफ्तार

10 बैंक खातों के जरिये फर्जी तरीके से 48 लाख रुपये रिफंड लेने की पुष्टि हो चुकी है। जांच के अनुसार जीएसटी रिफंड के जरिये 170 से 180 करोड़ हासिल करने का अनुमान है। इस मामले की जांच में साइबर सेल के रडार पर 340 फर्जी कंपनियां हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 12:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 12:06 PM (IST)
Delhi GST Return Scam: जीएसटी रिफंड घोटाले का भंडाफोड़, छह गिरफ्तार
फर्जी कंपनियों के माध्यम से फर्जी लेनदेन के मामले में साइबर सेल 25 बैंक खातों को सीज कर चुकी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) रिफंड के घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना गौरव रावत समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। फर्जी कंपनियों के माध्यम से 940 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन के मामले में साइबर सेल अब तक 25 बैंक खातों को सीज कर चुकी है।

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वहीं, 10 बैंक खातों के जरिये फर्जी तरीके से 48 लाख रुपये रिफंड लेने की पुष्टि हो चुकी है। जांच के अनुसार जीएसटी रिफंड के जरिये 170 से 180 करोड़ हासिल करने का अनुमान है। इस मामले की जांच में साइबर सेल के रडार पर 340 फर्जी कंपनियां हैं। 

साइबर सेल को एक शिकायत मिली कि शिकायतकर्ता के पैन और आधार पर एक जीएसटी इनवाइस जारी किया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार तीन फर्जी कंपनियां उसके पैन व आधार का उपयोग करके 119 करोड़ का लेनदेन कर चुकी हैं। शिकायत पर डीसीपी अन्येष रॉय की टीम को जांच में पता चला कि 81 फर्म के साथ उक्त तीन फर्जी कंपनियों का ट्रांजेक्शन हो रहा है। इस पर उक्त कंपनियों के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर के आधार पर दिल्ली के शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया।

शैलेश फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी फर्म को पंजीकृत करवाता था। फर्म बनाने में सहयोग करने वाले मंडावली निवासी संदीप साही और इस फर्म को अन्य लोगों को बेचने वाले उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद निवासी विवेक कुमार और दिल्ली के लक्ष्मी नगर निवासी हरीश चंद्र को गिरफ्तार किया गया। इनकी निशानदेही पर वेस्ट विनोद नगर निवासी गिरोह के सरगना गौरव रावत को गिरफ्तार किया।

गौरव ने एक ही मोबाइल नंबर पर 12 फर्म पंजीकृत कराईं थीं और रिफंड हासिल करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद छठे आरोपित को उत्तराखंड के गढ़वाल निवासी मनोज कुमार को गिरफ्तार किया गया। मनोज फर्जी फर्म पंजीकृत करने के लिए अनजान लोगों के नाम पर सिम हासिल करता था। 

डीसीपी अन्येष रॉय ने बताया कि इन आरोपितों ने वैट और जीएसटी में संविदा पर डाटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम किया था और वे जीएसटी रिफंड हासिल करने के लिए जीएसटी-स्लैब से बखूबी वाकिफ थे।

ये सामान बरामद

आरोपितों के पास से 14 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, फर्जी कंपनियों के नाम पर लिए 14 एटीएम कार्ड, 22 चेक बुक, फर्जी कंपनियों के नाम पर इनवाइस और बिल बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए आठ रबर स्टैंप बरामद किए गए हैं।

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