वर्क प्लेस पर बुरी नजर रखने वाले सावधान, दिल्ली सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी, मिलेगी सख्त सजा
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली में कार्यस्थल पर छेड़छाड़ करने वालों की अब खैर नहीं। दिल्ली सरकार अब इस मामले में काफी सख्त हो गई है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। यह पहल दिल्ली महिला और बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की ओर से की गई है। मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने समाचार एजेंसी पीटीआइ से रविवार को बताया कि दिल्ली में अब से पांच सदस्यीय टीम कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की जांच करेगी। इसके लिए टीम का गठन किया गया है। इस टीम में सरकार के प्रतिनिधि, एनजीओ और सिविल सोसाइटी के सदस्य होंगे।
समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया फैसला
बता दें कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के कार्यान्वयन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समिति में होंगे पांच सदस्य
इसी बैठक में राजेंद्र पाल गौतम ने महिला और बाल विकास विभाग को कार्यस्थल (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का अवलोकन और निगरानी करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन करने का निर्देश दिया, जिसमें सारे सदस्यों के बारे में बताया गया कि कौन-कौन इसमें शामिल होंगे।
चलेगा जागरुकता कार्यक्रम
लोगों को इस नियम के बारे में जागरुक बनाने के लिए विभाग ने यह तय किया है कि इसके लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। वहीं लोगों को यह भी बताया जाएगा कि इस कानून से क्या फायदे हैं और इस कानून का उल्लंघन करने पर सजा का क्या प्रावधान है। इसके लिए महिला और बाल विकास विभाग ने मीडिया अभियानों के साथ कई कार्यशालाओं का आयोजन किया है। इतना ही नहीं सभी जिला मजिस्ट्रेटों को यह निर्देश दिया गया है कि इस अधिनियम के तहत स्थानीय समिति का गठन किया जाए।