दिल्ली में कोरोना मरीजों को सरकार ने दी बड़ी राहत, इलाज के लिए नहीं होगी कोई परेशानी
दिल्ली सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए पहले से अधिकृत अपने नौ अस्पतालों के अलावा पांच अन्य अस्पतालों में भी इलाज शुरू करने आदेश दिया है। इस वजह से अब दिल्ली सरकार के कुल 14 अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए पहले से अधिकृत अपने नौ अस्पतालों के अलावा पांच अन्य अस्पतालों में भी इलाज शुरू करने आदेश दिया है। इस वजह से अब दिल्ली सरकार के कुल 14 अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं। इसलिए अस्पतालों में 1300 बेड बढ़ गए हैं। इसलिए इन अस्पतालों में अब कोरोना के इलाज के लिए कुल 5650 बेड व 2075 आइसीयू बेड उपलब्ध हो गए हैं। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अस्पतालों में सामान्य व आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा आठ कोविड केयर सेंटर शुरू कर 2800 बेड बढ़ाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी व्यवस्था पहले से ही दुरुस्त किए हुए है। हालात अभी सामान्य है। दिल्ली के अस्पतालों में लगभग 13,300 बेड अभी भी मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। कोरोना की इस लहर में मरीज बहुत कम भर्ती हो रहे हैं। अस्पतालों में करीब 10 प्रतिशत बेड पर मरीज भर्ती हैं और 90 प्रतिशत बेड अभी खाली हैं। फिर भी दिल्ली में स्थिति को काबू में रखने के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में इजाफा करने का फैसला लिया है। दिल्ली सरकार अपनी ओर से गंभीर परिस्थिति से भी निपटने के लिए तैयार है। करीब पांच हजार स्वास्थ्य सहायक प्रशिक्षण देकर तैयार किए गए हैं। जरूरत पड़ने पर उनकी सेवा भी ली जाएगी। अच्छी बात यह है कि अब सौ फीसद लोगों ने मास्क पहनना शुरू कर दिया है। उन्होंने लोगों से बचाव के नियमों का पालन करने की अपील की।
दिल्ली में सबसे ज्यादा जांच का दावा
उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी प्रतिदिन एक लाख लोगों की जांच की जा रही है। इसलिए मामले भी अधिक आ रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा जांच करने का दावा करते हुए कहा कि दिल्ली के बराबर देश में कही जांच नहीं हो रही है। संक्रमण जितना जल्द चरम पर पहुंचेगा उतना ही जल्द खत्म होगा। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब 17 हजार मामले आए थे तो 200 से अधिक मौतें हुई थीं। इसके मुकाबले अभी मौतें बहुत कम है। कोरोना से हाल के दिनों में जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें कुछ ऐसे हैं जो किसी दूसरी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे। अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोरोना पाजिटिव पाए गए थे। दूसरी बीमारी के कारण उनकी हालत गंभीर हुई।