दिल्ली में बायो डीकंपोजर के प्रभाव देखने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी का गठन, 5 विधायकों को मिली जगह
गोपाल राय ने कहा कि पिछले दिनों ग्रीन एप पर अलग-अलग विभागों की लगभग 2300 शिकायतें आई हैं इनमें से आज तक 1346 शकायतों (58 फीसद) को दूर किया जा चुका है। सबसे ज्यादा शिकायतें नार्थ एमसीडी की आ रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार ने पराली पर बॉयो डीकंपोजर केमिकल छिड़काव के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए 15 सदस्यीय पूसा बॉयो डीकंपोजर इंपेक्ट कमेटी गठित की है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस कमेटी में पांच विधायक सदस्य होंगे। इनमें नरेला से शरद चौहान, बवाना से जय भगवान उपकार, मुंड़का से धर्मपाल लाकड़ा, मटियाला से गुलाब सिंह यादव और बिजवासन से बीएस जून को शामिल किया गया है।
इसके अलावा पांच सदस्य कृषि विभाग के होंगे, जो अलग-अलग क्षेत्रों में इस पूरी प्रक्रिया को संचालित कर रहे हैं। इनके साथ-साथ पूसा संस्थान के पांच वैज्ञानिक भी इसके सदस्य होंगे। इनके मार्ग निर्देशन में ही यह सारा काम होगा। यह कमेटी एक हफ्ते में अपनी आंकलन रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी करेगी। दिल्ली सरकार दीपावली के बाद यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण के मामले की सुनवाई के दौरान दाखिल करेगी।
दिल्ली के 1800 एकड़ खेतों में हो चुका है बॉयो डीकंपोजर का छिड़काव
गोपाल राय ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली के लगभग 2000 एकड़ क्षेत्र में गैर बासमती धान की उपज होती है, उसमें से अब तक 1800 एकड़ खेतों में बॉयो डीकंपोजर का छिड़काव हो चुका है। अगले तीन से चार दिनों में छिड़काव के लक्ष्य को पूरा कर निया जाएगा। राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी नया आयोग बनाया है। मैं उन सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने एमएम कुट्टी की अध्यक्षता में जिम्मेदारी संभाली है। राय ने कहा कि दिल्ली में 44 फीसद प्रदूषण पराली के कारण होता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नया आयोग दिल्ली में सबसे कम पैसे में जो समाधान तैयार हुआ है, उसके बारे में भी विचार करेगा।
ग्रीन दिल्ली एप पर आई शिकायतों में से 58 फीसद का निस्तारण
गोपाल राय ने कहा कि पिछले दिनों ग्रीन एप पर अलग-अलग विभागों की लगभग 2300 शिकायतें आई हैं, इनमें से आज तक 1346 शकायतों (58 फीसद) को दूर किया जा चुका है। सबसे ज्यादा शिकायतें नार्थ एमसीडी की आ रही हैं। जो शिकायतें आ रही हैं उनमें सबसे ज्यादा सड़क किनारे खाली भूमि में कचरा या अवैध डंपिंग की है। इसके अलावा बॉयोमास कचरा, प्लास्टिक जलाने और ध्वस्तीकरण समेत अलग-अलग तरह की शिकायतें हैं। अभी तक दिल्ली ग्रीन वार रूम से जुड़े 21 विभागों के नोडल अधिकारियों के माध्यम से शिकायतों को दूर किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इसमें और तेजी लाने के लिए 14 स्क्वॉड टीमें बनाई हैं, सोमवार से से यह टीमें शिकायतों के निस्तारण की हकीकत को जानने के लिए जमीन पर उतरेंगी।
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