दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 488 निर्माण श्रमिकों को दी 3.18 करोड़ की सहायता राशि
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों को अपना पंजीकरण करवाने के लिए अब दफ्तरों के सामने लंबी कतार में लगने की जरूरत भी नहीं है। दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए डोर स्टेप सर्विस के तहत 1076 पर कॉल कर अपने घर बैठे ही श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत 488 निर्माण श्रमिकों को 3.18 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की। इस कार्यक्रम के तहत श्रमिकों को मातृत्व लाभ के 181, शिक्षा लाभ के 131, दुघर्टना, प्राकृतिक मृत्यु के 53 और पेंशन संबंधित 51 क्लेम के दावेदारों में सहायता राशि का वितरण किया गया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के मन में यह आत्मविश्वास होना चाहिए कि मेरी सरकार, मेरी मदद के लिए हमेशा तैयार है। जिन्हें कुदरत ने ज्यादा नहीं दिया, उनके सपने पूरे करने के लिए दिल्ली सरकार हमेशा तत्पर और तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों को अपना हक पाने के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उनके क्लेम का निपटारा अब 20 दिनों में जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों को अपना पंजीकरण करवाने के लिए अब दफ्तरों के सामने लंबी कतार में लगने की जरूरत भी नहीं है। दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए डोर स्टेप सर्विस के तहत 1076 पर कॉल कर अपने घर बैठे ही श्रमिक अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को दिल्ली सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता प्रदान करती है। श्रमिकों को स्वयं और पुत्र/पुत्री के विवाह के लिए 35 हजार से 51 हजार रुपए तक की सहायता राशि, अपंग होने पर 1 लाख की सहायता राशि, बच्चों की शिक्षा के लिए 500 से 10,000 रुपए प्रतिमाह, 3000 रुपए प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन, दुर्घटना मृत्यु पर 2 लाख, प्राकृतिक मृत्यु पर 1 लाख, प्रसूति लाभ के तहत 30 हजार रुपए की राशि दी जाती है।
जब कोई काम न था, सरकार ने की मदद
कार्यक्रम के दौरान एक श्रमिक ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब उनके पास कोई काम नही था, घर में मायूसी छाई थी, तभी दिल्ली सरकार का मैसेज आया कि आपके एकाउंट में 10 हजार रुपए आ गए हैं। यह देखकर जो खुशी पूरे परिवार को मिली, वो बता नही सकता।
10 दिन में मिली सहायता राशि
मातृ स्वास्थ्य योजना के तहत 30 हजार रुपए प्राप्त करने वाले एक निर्माण श्रमिक की पत्नी कुसुम ने कहा, “मेरे पति एक बढ़ई हैं। उनके पैर में तकलीफ है। इस योजना के बारे में सुनकर मैं और जानकारी लेने के लिए श्रम कार्यालय गई और मातृत्व लाभ के लिए क्लेम किया। क्लेम करने के 10 दिन बाद ही मुझे सहायता राशि मिल गई।
अब मेरी बेटी कॉलेज में जा सकती है
पश्चिम विहार के एक अन्य निर्माण श्रमिक जगदीश ने शिक्षा योजना के तहत सहायता राशि प्राप्त की। उन्होंने कहा कि “मैं एक दैनिक निर्माण श्रमिक हूं। मेरा काम अनिश्चितताओं से भरा है और मुझे नहीं पता कि मैं कब नौकरी से बाहर हो जाऊंगा। मेरी बेटी को इस योजना के तहत छात्रवृत्ति मिली और इस पैसे की मदद से वह आखिरकार कॉलेज में जा सकती है।