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घर-घर राशन योजना का दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में किया बचाव, दी ये दलील

Doorstep Ration Delivery Scheme घर-घर राशन योजना का दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बचाव किया। एक याचिका के जवाब में कहा यह पूरी तरह से गलत धारणा है कि योजना के लागू होने पर उचित मूल्य की दुकानों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:39 PM (IST)
घर-घर राशन योजना का दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में किया बचाव, दी ये दलील
घर-घर राशन योजना का दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में किया बचाव

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। घर-घर राशन योजना का दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बचाव किया। एक याचिका के जवाब में कहा, यह पूरी तरह से गलत धारणा है कि योजना के लागू होने पर उचित मूल्य की दुकानों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ को बताया कि यह एक वैकल्पिक योजना है और लाभार्थी कभी भी इसे छोड़ सकते हैं। एक भी लाभार्थी ने योजना के क्रियान्वयन के तरीके पर सवाल नहीं उठाया है। मामले में आगे की सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।

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पीठ ने कहा कि सवाल इस बात का है कि योजना के क्रियान्वयन के साथ उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र का कहना है कि एफपीएस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) का एक अभिन्न अंग है इसलिए आप इसे खत्म नहीं कर सकते।

इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह गलत धारणा है कि राज्य सरकार एफपीएस को खत्म करना चाहती है। पिछले दो वर्षों में हर वस्तु की होम डिलीवरी हुई है फिर चाहे कोरोना हो या न हो। उन्होंने कहा कि तकनीक की प्रगति के साथ डोरस्टेप डिलीवरी आदर्श बन जाती है और इसकी आलोचना के बजाए प्रशंसा करने की जरूरत है।

अदालत में राशन डीलर संघ की याचिका पर सुनवाई चली रही है। राशन डीलर संघ ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अदालत को किसी भी राज्य को एनएफएसए की संरचना में हस्तक्षेप करने और इसकी वास्तुकला को नष्ट करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।


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