ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई के दौरान HC ने की दिल्ली सरकार की खिंचाई
महाराजा अग्रसेन अस्पताल द्वारा आदेश पर सवाल उठाने पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने जमीनी स्तर पर क्या चल रहा है आपको पता नहीं है।पीठ ने सवाल उठाया कि किस अस्पताल में डाॅक्टर ऑक्सीजन दवा की क्या कमी है आपको यह भी पता नहीं है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। आपात में आने वाले मरीजों को कुछ समय के लिए इलाज की सुविधा देने के संबंध में जारी आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की। महाराजा अग्रसेन अस्पताल द्वारा आदेश पर सवाल उठाने पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने जमीनी स्तर पर क्या चल रहा है आपको पता नहीं है। पीठ ने सवाल उठाया कि किस अस्पताल में डाॅक्टर, ऑक्सीजन, दवा की क्या कमी है आपको यह भी पता नहीं है। पीठ ने कहा जब आपको कुछ नहीं पता तो आप इस तरह के आदेश क्यों जारी कर रहे हैं। आपने लोगों को खुश करने के लिए आफिस में बैठकर यह आदेश जारी कर दिया। यह आदेश कागजी कार्रवाई के सिवा कुछ भी नहीं है। पीठ ने कहा कि इस संबंध में सरकार को स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी।
आपात स्थिति में अस्पताल में आए मरीज के इलाज के संबंध में जारी किया था आदेश
इसके जवाब में जब दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम ने कहा कि यह आदेश सिर्फ इसलिए जारी किया गया कि किसी मरीज को अस्पताल से इलाज के बगैर वापस न लाैटाया न जाए और अस्पताल दस से 15 मिनट तक उसे देखे। वहीं, अग्रसेन अस्पताल के अधिवक्ता आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि आलाेक कुमार अग्रवाल ने कहा कि उनके अस्पताल में कई आइसीयू और वेंटीलेटर हैं।
इस समय हर मरीज को 15 मिनट में इलाज देना संभव नहीं
आपात स्थिति में आने वाले मरीजों को हम देख रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा 21 अप्रैल को आदेश जारी किया कि हर मरीज को आपको देखना होगा और उसे आक्सीजन भी देना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए अस्पताल ने आपाताकालीन वार्ड में 18 बेड लगाए हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में आने वाले हर मरीज को 15 मिनट के लिए इलाज देना संभव नहीं है।
आपात स्थिति में इस तरह के आदेश नहीं कर सकते जारी
इतना ही नहीं अगर किसी मरीज की तबियत खराब हो जाए तो हम उसे भर्ती करने की स्थिति में नहीं है और आक्सीजन न देने से उसकी मौत हो सकती है। जिस मरीज को भर्ती करने की स्थिति में नहीं उसे हम कहां शिफ्ट यह भी बताने वाला दिल्ली सरकार की तरफ से कोई नहीं है। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम को जल्द सरकार से निर्देश लेने और इस पर उचित निर्णय लेने को कहा। पीठ ने कहा कि इस स्थिति की आपात और विकट स्थित में कार्यालय में बैठकर इस तरह के आदेश नहीं जारी नहीं कर सकते।