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Ration Distribution In Delhi: दुकानों पर समय से राशन पहुंचा पाने में भी विफल हो रही दिल्ली सरकार

Ration Distribution In Delhi केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सचिव द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बायोमैट्रिक यानी ई-पोस द्वारा दिल्ली भर में राशन वितरित किए जाने का निर्देश दिया गया था। इसके पीछे मंशा यह है कि यहां भी वन नेशन- वन राशन कार्ड योजना शुरू की जा सके।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 10:14 AM (IST)
Ration Distribution In Delhi: दुकानों पर समय से राशन पहुंचा पाने में भी विफल हो रही दिल्ली सरकार
Ration Distribution In Delhi: दुकानों पर समय से राशन पहुंचा पाने में भी विफल हो रही दिल्ली सरकार

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। एक तरफ स्कूलों में पड़ा अनाज सड़ रहा है तो दूसरी ओर सरकारी दुकानों पर राशन पहुंचा पाने में भी दिल्ली सरकार विफल साबित हो रही है। आलम यह है कि जून का आधा माह बीत गया है, जबकि दिल्ली की आधी से अधिक दुकानों पर अभी तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाला मासिक राशन पहुंचा ही नहीं है। कार्ड धारक यही पता करने के लिए दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं कि राशन आया या नहीं। एनएफएसए 2013 के मुताबिक, हर माह की एक तारीख से राशन बंटना शुरू हो जाना चाहिए। लेकिन, समय से दुकानों पर आपूर्ति न होने के कारण ऐसा हो ही नहीं पाता। इसी माह की बात करें तो 13 जून तक दिल्ली की कुल 2008 दुकानों में से केवल 330 दुकानों पर एनएफएसए का राशन पहुंचा था। यहां बता दें कि जो राशन फिलहाल ज्यादातर दुकानों पर बंट रहा है, वह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाइ) का है, एनएफएसए का नहीं।

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जानकारी के मुताबिक एनएफएसए के तहत दो हजार से अधिक दुकानों पर राशन की आपूर्ति दिल्ली में ही स्थित फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया (एफसीआइ) के छह गोदामों से होती है। इन गोदामों से दुकानों तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन (डीएससीएससी) द्वारा सूचीबद्ध ट्रांसपोर्ट ठेकेदार करते हैं। लेकिन, इनकी संख्या भी पर्याप्त न होने के कारण राशन कभी भी समय पर नहीं पहुंच पाता। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जिन दुकानों पर 100 फीसद खाद्यान्न पहुंच जाता है, पहले उनकी सूची आइटी ब्रांच द्वारा जारी की जाती है। इसके बाद फूड एंड सप्लाई अफसर (एफएसओ) व इंस्पेक्टर द्वारा चिह्नित दुकानों पर जाकर जांच की जाती है कि दुकान में पूरा राशन मौजूद है या नहीं। इसके बाद ही उसके वितरण की अनुमति प्रदान की जाती है।

हैरत की बात यह भी है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के आदेश के मुताबिक इस बार भी राशन मैन्युअली ही वितरित किया जा रहा है। सिर्फ सर्किल 63 सीमापुरी में ही इलेक्ट्रिक प्वाइंट आफ सेल (ई-पोस) मशीनों के जरिये राशन वितरित किया जा रहा है, जबकि केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सचिव द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बायोमैट्रिक यानी ई-पोस के द्वारा दिल्ली भर में राशन वितरित किए जाने का निर्देश दिया गया था। इसके पीछे मंशा यह है कि अन्य राज्यों की तरह यहां भी 'वन नेशन- वन राशन कार्ड' योजना को प्रारंभ किया जा सके।कोटमाह के 15 दिन बीत जाने पर भी 72 लाख लाभार्थियों को एनएफएसए राशन अभी तक नहीं मिल पाया है।

शिव कुमार गर्ग (अध्यक्ष, दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ) के मुताबिक, विभागीय सुस्ती का सामना राशन कार्डधारियों को करना पड़ रहा है। साथ ही ई-पोस मशीनें दुकानों में जनवरी 2021 से धूल फांक रहीं हैं। केंद्र सरकार का कहना भी नहीं माना जा रहा है। यही वजह है कि 10 लाख परिवार जो अन्य प्रदेशों से राजधानी में आए हैं, उनको 'वन नेशन- वन राशन कार्ड' का लाभ नहीं मिल पा रहा है।


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