दिल्ली सरकार ने अनुबंधों की परफॉरमेंस सुरक्षा राशि घटाकर की 3 फीसद : सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सामान्य वित्तीय नियमों या क्रय नियमावली में इसका कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि निविदा दस्तावेजों में एबनॉर्मली लो बिड (एएलबी) के मामलों में अतिरिक्त परफोरमेंस सुरक्षा राशि या बैंक गारंटी का प्रावधान नहीं रखा जाना चाहिए।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली में विभिन्न कार्यों से जुड़े ठेकेदारों व व्यवसायियों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने दिल्ली सरकार के सभी मौजूदा अनुबंधों के लिए अनुबंध के मूल्य की परफॉरमेंस सुरक्षा राशि को घटाकर 3 फीसद करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में यह सुरक्षा राशि 5-10 फीसद है। सिसोदिया ने कहा कि 31 दिसंबर 2021 तक जारी होने वाले सभी निविदाओं एवं ठेकों में परफोरमेंस सुरक्षा राशि का यही प्रावधान लागू रहेगा।
इसके अलावा एबनॉर्मली लो बिड (एएलबी) के मामलों में विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों से अतिरिक्त परफॉरमेंस सुरक्षा राशि जमा कराई जा रही है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सामान्य वित्तीय नियमों या क्रय नियमावली में इसका कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि निविदा दस्तावेजों में एबनॉर्मली लो बिड (एएलबी) के मामलों में अतिरिक्त परफोरमेंस सुरक्षा राशि या बैंक गारंटी का प्रावधान नहीं रखा जाना चाहिए। सिसोदिया ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में निविदा दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की निविदा सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं रखा जाना चाहिए।
निविदा दस्तावेजों में सिर्फ बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन का प्रावधान रखा जाए। वर्तमान में विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों से बिड सुरक्षा या अग्रिम राशि जमा कराई जा रही है। यह आदेश 31 दिसंबर 2021 तक जारी होने वाली सभी निविदाओं पर लागू होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विभिन्न वाणिज्यिक संस्थाओं और ठेकेदारों ने दिल्ली सरकार को ज्ञापन देकर अपने भारी वित्तीय संकट में मदद का अनुरोध किया था। कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण उन्हें विभिन्न कार्य समय पर पूरा करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में निविदा दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की निविदा सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं रखा जाना चाहिए। निविदा दस्तावेजों में सिर्फ बिड सिक्यूरिटी डिक्लेरेशन का प्रावधान रखा जाए। वर्तमान में विभिन्न विभागों द्वारा ठेकेदारों से बिड सिक्यूरिटी या अग्रिम राशि जमा कराई जा रही है।
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