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इंटरनेट काल कर 10 लाख की रंगदारी मांगने का मामला सुलझा, तीन गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार आरोपितों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए इंटरनेट कालिंग की थी। आरोपितों में संदीप ने फर्जी दस्तावेज और अपने फोटो के जरिए वारदात में इस्तेमाल सिम खरीदा जबकि राकेश वोडाफोन का प्रतिनिधि है जिसने सिम कार्ड जारी किया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 07:10 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 08:36 AM (IST)
इंटरनेट काल कर 10 लाख की रंगदारी मांगने का मामला सुलझा, तीन गिरफ्तार
जांच में पता चला कि जिस नंबर से फोन किया गया वह हांगकांग से लिया गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रंगदारी नहीं देने पर फर्नीचर कारोबारी को एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बेटे की हत्या की धमकी देने के मामले को द्वारका जिला पुलिस की स्पेशल स्टाफ ने सुलझाते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस वर्ष द्वारका नार्थ थाने में जनवरी महीने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जानकारी दर्ज होने के बाद से आरोपितों का पता लगाने का प्रयास लगातार जारी रहा। इस बीच छानबीन के दौरान पुलिस ने न सिर्फ भारत बल्कि हांगकांग तक से इस मामले में जानकारी जुटाई और आरोपितों को आखिरकार ढूंढ निकाला।

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गिरफ्तार आरोपितों में संदीप, राकेश व जाकिर शामिल है। पुलिस के अनुसार आरोपितों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए इंटरनेट कालिंग की थी। आरोपितों में संदीप ने फर्जी दस्तावेज और अपने फोटो के जरिए वारदात में इस्तेमाल सिम खरीदा, जबकि राकेश वोडाफोन का प्रतिनिधि है जिसने सिम कार्ड जारी किया। वहीं जाकिर ने रंगदारी मांगने के लिए अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया।

इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पुलिस को बताया गया था कि अज्ञात विदेशी फोन नंबर से फोन कर 10 लाख की रंगदारी देने के लिए धमकी दी जा रही है। पैसे नहीं देने पर फरीदाबाद स्थित मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले बेटे को जान से मारने की धमकी काल करने वाले बदमाश दे रहे हैं। स्पेशल स्टाफ के प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार व साइबर सेल ने इस मामले पर नजर रखनी शुरू की। जांच में पता चला कि जिस नंबर से फोन किया गया वह हांगकांग से लिया गया है।

पुलिस ने इसके बाद हांगकांग की जिस कंपनी ने यह सुविधा उपलबध कराई थी, उससे संपर्क किया। वहां से पता चला कि इस नंबर को जिस इंटरनेट कंपनी ने कालिंग की सुविधा दी थी, वह भारतीय कंपनी थी। इसके बाद पुलिस ने भारतीय कंपनी से संपर्क कर उस आइपी नंबर का पता लगाया जिसका इस्तेमाल इंटरनेट कालिंग के लिए किया गया था। आईपी नंबर के माध्यम से पुलिस सिम नंबर का पता लगाने में कामयाब हुई। जब नंबर के बारे में जानकारी एकत्रित करनी शुरू हुई तो पता चला कि नंबर अंकित सिंह के फर्जी नाम से लिया गया था। दिए गए पते पर इस नाम का कोई नहीं रहता था।

पुलिस ने उस नंबर को लेने के दौरान दिए गए फोटो और फोन की तकनीकी जांच शुरू की और गाजियाबाद से तीन अरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों ने पुलिस को बताया कि जिस युवक को जान से मारने की धमकी देते हुए फोन किया गया, उस युवक ने आरोपितों से काफी समय पहले एक सिम लिया था। इन्हें जब पैसों की जरूरत हुई तो फिर उगाही के लिए यह तरीका अपनाया। उपलब्ध नंबर पर इन्होंने फोन किया लेकिन फोन युवक ने न उठाकर उनके पिता ने उठाया जिसके बाद धमकी दी गई। पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने इससे पहले भी एक शख्स से इसी तरह से उगाही करने का प्रयास किया था। मामले की तहकीकात जारी है।


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