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दिल्ली में कोरोना से बिगड़ते हालात पर कांग्रेस ने केजरीवाल को घेरा, उठाए कई सवाल

ल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली वासियों को कोविड-19 से जूझते हुए एक साल से अधिक हो गया लेकिन दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को इतना मजबूत भी नहीं कर पाई कि दोबारा लाकडाउन लगाने की नौबत न आए।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 05:59 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 05:59 PM (IST)
दिल्ली में कोरोना से बिगड़ते हालात पर कांग्रेस ने केजरीवाल को घेरा, उठाए कई सवाल
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालात और एक बार फिर लाकडाउन लगाने के लिए दिल्ली कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली वासियों को कोविड-19 से जूझते हुए एक साल से अधिक हो गया, लेकिन दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को इतना मजबूत भी नहीं कर पाई कि दोबारा लाकडाउन लगाने की नौबत न आए। उन्होंने कहा कि अब जबकि हालात बेकाबू हो गए हैं तो मुख्यमंत्री केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर लाकडाउन को दिल्ली वासियों की बेहतरी के लिए मजबूरी बता रहे हैं।

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चोपड़ा ने एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट कर दिल्ली सरकार को सवालों के कठघरे में भी खड़ा किया है।  उन्होंने सवाल किए कि कोरोना महामारी के इस एक साल के दौरान दिल्ली सरकार ने कितने नए अस्पताल बनाए? मौजूदा अस्पतालों में कितने बेड बढ़ाए? कितने आक्सीजन प्लांट लगवाए? कितने नए आइसीयू तैयार कराए और कितने नए वेंटीलेटर खरीदे?

चोपड़ा ने चिंता जताई कि आज एक साल बाद भी दिल्ली वहीं की वहीं खड़ी है। तब लाकडाउन इसलिए लगा था कि सब लोग इस महामारी से अंजान थे। अब सब इससे परिचित हैं लेकिन फिर भी लाकडाउन लगाना पड़ गया। मतलब साफ है कि कोरोना से निपटने का तंत्र सरकार के पास न तब था और न अब है। आलम यह है कि आज तो टेस्ट तक पर्याप्त संख्या में नहीं हो रहे। जिन टेस्टों की रिपोर्ट छह से सात घंटे में आ जाती थी, आज चार पांच दिन लग रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के लिए उपचार तो दूर की बात, दवाओं तक की कमी हो गई है। उन्होंने एक बड़ा सवाल यह भी किया कि पिछले साल जो अस्थायी अस्पताल बनाए गए थे, उनके बेड और अन्य संसाधन कहां गए?


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