दिल्ली के लोगों के लिए खुशखबरी, इस बार सर्दी में बिजली कंपनियां देने जा रहीं ये राहत
टीपीडीडीएल के क्षेत्र में इस बार सर्दी में बिजली की अधिकतम मांग 1700 मेगावाट रहने का अनुमान है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गणेश श्रीनिवासन का कहना है कि टीपीडीडीएल को लंबी अवधि के बिजली खरीद समझौते के तहत 2000 मेगावाट बिजली मिल सकती है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। बढ़ रही सर्दी को देखते हुए बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) ने तैयारी शुरू कर दी है जिससे कि बिजली आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। डिस्काम को इस बार सर्दियों में दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 5480 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, पिछले वर्ष अधिकतम मांग 5343 मेगावाट थी। इस बार मांग ज्यादा रहने की उम्मीद है और इसी के अनुसार व्यवस्था की जा रही है। लंबी अवधि के लिए बिजली खरीद समझौता के तहत कंपनियों को बिजली मिलेगी। इसके साथ ही अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
डिस्काम के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में बिजली की मांग मौसम पर निर्भर करता है। बिजली की मांग का अनुमान लगाने के लिए मौसम पूर्वानुमान का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे कंपनियों को यह पूर्वानुमान लग जाता है कि आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा। बांबे सबअर्बन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई (बीएसईएस) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है। इन तकनीकों के इस्तेमाल से बिजली की मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
बीएसईएस का कहना है कि इस बार बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड) में 2192 मेगवाट और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड) में में 1268 मेगावाट तक बिजली की मांग रह सकती है। मांग पूरी करने के लिए उसे लंबी अवधि के खरीद समझौते के साथ ही 190 मेगावाट से अधिक बिजली पवन चक्की ऊर्जा संयंत्रों से, 70 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा संयंत्रों से और 25 मेगावाट कचरे से बिजली बनाने वाले संयंत्रों से मिलेगी। इसके साथ ही बीएसईएस उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर भी 90 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता है।
टीपीडीडीएल के क्षेत्र में इस बार सर्दी में बिजली की अधिकतम मांग 1700 मेगावाट रहने का अनुमान है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गणेश श्रीनिवासन का कहना है कि टीपीडीडीएल को लंबी अवधि के बिजली खरीद समझौते के तहत 2000 मेगावाट बिजली मिल सकती है। इस तरह से कंपनी के पास अनुमानित अधिकतम मांग से तीन सौ मेगावाट ज्यादा बिजली उपलब्ध है।
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