Delhi Crime News : पढ़ें कैसे एक ग्रेजुएट प्रॉपर्टी डीलर चला रहा था बच्चे बेचने वाला गिरोह
क्राइम ब्रांच की मानव तस्करी निरोधक इकाई ने एक गिरोह को गिरफ्तार कर दो बच्चों को बरामद किया है। आठ लोगों का यह गिरोह पिछले काफी समय से राजधानी में बच्चे चुराकर उन्हें आगे बेचने की कई वारदात को अंजाम दे चुका है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। क्राइम ब्रांच की मानव तस्करी निरोधक इकाई ने एक गिरोह को गिरफ्तार कर दो बच्चों को बरामद किया है। आठ लोगों का यह गिरोह पिछले काफी समय से राजधानी में बच्चे चुराकर उन्हें आगे बेचने की कई वारदात को अंजाम दे चुका है। गिरोह के सदस्य विभिन्न नर्सिंग होम और आइवीएफ सेंटरों से निसंतान दंपती की जानकारी जुटाते थे। गिरोह के सदस्य बच्चा गोद लोन की लंबी कानूनी प्रक्रिया में उलझने से बचने का झांसा देकर चोरी या अपहरण किया गया बच्चा बेच देते थे।
गुरूग्राम सेक्टर-12 के राजीव नगर निवासी प्रीति की शिकायत पर नई दिल्ली के साउथ कैंपस थाने में उसके बच्चे के अपहरण का केस 23 अक्टूबर को दर्ज हुआ था। प्रीति की शिकायत के मुताबिक वह मोती बाग गुरूद्वारे के बाहर अपने तीन माह के बेटे को गोद में लेकर बैठी थी। इस दौरान एक महिला उसके पास आई और बातचीत करने लगी। कुछ देर बाद महिला ने बच्चे को खिलाने की पेशकेश की तो उसने अपना बच्चा अंजान महिला को दे दिया और वह खुद खाना लेने के लिए गुरूद्वारे के अंदर चली गई। कुछ देर बाद लौटकर आई तो देखा कि महिला उसके बच्चे को लेकर गायब हो चुकी थी।
क्राइम ब्रांच की मानव तस्करी निरोधक इकाई ने जब इस मामले की जांच की तो सबसे पहले शकरपुर बस्ती निवासी गोपाल उर्फ पंकज को गिरफ्तार किया। पंकज से पता चला कि बच्चा कैलाशपुरी निवासी गीता रंधावा के पास है। इसके बाद गीता को गिरफ्तार कर बच्चा बरामद किया गया। वहीं से एक अन्य बच्चे के बारे में पता चला जोकि तिलक नगर निवासी ज्योति गोयल नाम की महिला के पास था। पुलिस ने इस बच्चे को भी बचाया और ज्योति गोयल और उसके पति मुरारी लाल गोयल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पंकज से गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी लेकर विकास नगर निवासी दीपा, जनकपुरी निवासी पिंकी, पालम निवासी मनोज कुमार और सृष्टि को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस की जांच में पता चला है कि यह पूरा गिरोह पंकज चलाता था। पंकज स्नातक है और पहले प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था। अपनी पहली शादी टूटने के बाद वह गीता रंधावा के संपर्क में आया और बच्चे चुराकर आगे बेचने का काम करने लगे। गिरोह के सदस्य अलग-अलग क्षेत्रों में वारदात को अंजाम देते थे। प्रीति के बच्चे का अपहरण दीपा ने किया था। गिरोह से जो दूसरा बच्चा बरामद हुआ है, वह करीब डेढ़ माह का है और उसके असली मां-बाप के बारे में पता लगाया जा रहा है।
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