Delhi Crime News: डीडीए प्लाट के नाम पर ठगी में आठ वर्ष से फरार चल रहा आरोपित गिरफ्तार
पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने डीडीए प्लाट के नाम पर ठगी में आठ वर्ष से फरार चल रहे आरोपित सुरेश शर्मा को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने रोहिणी और द्वारका में प्लाट बेचने के नाम पर सात करोड़ रुपये की ठगी की थी।
वि, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने डीडीए प्लाट के नाम पर ठगी में आठ वर्ष से फरार चल रहे आरोपित सुरेश शर्मा को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपित ने रोहिणी और द्वारका में प्लाट बेचने के नाम पर सात करोड़ रुपये की ठगी की थी। उसने योजनाबद्ध तरीके से साथियों के साथ मिलकर प्लाटों के फर्जी दस्तावेज बनवा ठगी की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में जितेंद्र गुप्ता सहित छह आरोपित पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
ईओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त डा. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि माडल टाउन निवासी संजय गोयल ने ठगी की शिकायत पुलिस में की थी। उन्होंने बताया कि वह और उनके परिवार के सदस्य रोहिणी और द्वारका में प्लाट लेने के इच्छुक थे। इसको लेकर उन्होंने प्रापर्टी डीलर जितेंद्र गुप्ता से संपर्क किया था। जितेंद्र और उसके साथियों ने छह प्लाट के जाली दस्तावेज देकर उनसे सात करोड़ रुपये ठग लिए। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की। आरोपितों द्वारा पीड़ितों को दिए गए दस्तावेज की डीडीए से जांच कराई गई तो वे फर्जी निकले। छानबीन में पता चला कि योजना के तहत जितेंद्र गुप्ता और उसके साथियों ने लोगों को चूना लगाया।
जिसके बाद पुलिस ने जितेंद्र गुप्ता सहित अन्य को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि फरार चल रहे सुरेश शर्मा को अदालत ने वर्ष 2014 में भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस उसकी तलाश में लगी थी। इसी बीच जानकारी मिलने पर पुलिस की टीम ने 12 फरवरी को फरीदाबाद सेक्टर-81 से सुरेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि उसने दिनेश शर्मा बनकर रोहिणी सेक्टर 32 स्थित प्लाट पीड़ित संतोष गुप्ता को बेचा था। इसके बदले उसे 3.9 करोड़ रुपये मिले थे। वहीं, पांच अन्य प्लाट अन्य आरोपितों ने बेचे थे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरेश शर्मा 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही गलत संगत में पड़कर कर्ज में डूब गया था। बाद में वह डीडीए प्लाट बेचने के नाम पर ठगी करने लगा था।