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Delhi Crime: 25 राज्यों में लोगों के आधारकार्ड से डिटेल चुराकर ठगी की वारदात को दिया अंजाम

मध्य जिला के साइबर सेल ने एक फैक्ट्री मालिक का ओवर ड्राफ्ट खाता हैक कर 30 लाख रुपये निकालने के मामले में चार शातिर साइबर ठग को गिरफ्तार किया है। ये व्यापारियों के आधार कार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त कर ठगी कर रहे थे।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:36 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 06:36 PM (IST)
Delhi Crime: 25 राज्यों में लोगों के आधारकार्ड से डिटेल चुराकर ठगी की वारदात को दिया अंजाम
फर्जी आधार कार्ड बना उनके मोबाइल नंबर बंद करवा दूसरा सिम जारी करवाकर देते थे वारदात को अंजाम।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मध्य जिला के साइबर सेल ने एक फैक्ट्री मालिक का ओवर ड्राफ्ट खाता हैक कर 30 लाख रुपये निकालने के मामले में चार शातिर साइबर ठक को गिरफ्तार किया है। चारों को तकनीक का बेहतर ज्ञान होने के कारण वे व्यापारियों के आधार कार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके ही नाम व पता का इस्तेमाल कर उसपर अपना फोटो लगाकर फर्जी आधार कार्ड बना लेते थे और फिर उक्त आधार कार्ड पर दूसरा सिम कार्ड जारी करवा वारदात को अंजाम देते थे।

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चारों के 25 से अधिक व्यापारियों से करोड़ों की ठगी करने की जानकारी मिली है। डीसीपी मध्य जिला जसमीत ¨सह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए ठगों के नाम आशुतोष यादव (गाजीपुर), राहुल यादव (जौनपुर), राजेश राजभार (आजमगढ़) व अरविंद यादव (जौनपुर) है। इनके खिलाफ गुरुग्राम में एक व्यापारी से डेढ़ करोड़ की ठगी, गुजरात में 50 लाख की ठगी व आजमगढ़ में 28 लाख की ठगी का मामला दर्ज होने की पुष्टि हो चुकी है। आनंद पर्वत के रहने वाले एक फैक्ट्री मालिक ने जून में आनंद पर्वत थाने में शिकायत कर कहा था कि किसी ने राजेंद्र प्लेस के एक सरकारी बैंक में स्थित ओवर ड्राफ्ट खाते को हैक कर 30 लाख रुपये निकाल लिया है।

डीसीपी ने इसकी जांच की जिम्मेदारी जिले के साइबर सेल को दी। एसीपी ओपी लेखवाल व इंस्पेक्टर जगदीश कुमार के नेतृत्व में एसआइ कमलेश कुमार, एएसआइ सिरमोहर व हवलदार सुरेश गुप्ता ने जांच में पाया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक गिरोह ने पीडि़त व्यापारी का ओवर ड्राफ्ट खाता होने के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद उक्त फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। उनके आधार कार्ड की पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद आरोपित उनके ही नाम व पते पर अपनी फोटो चिपका कर कंप्यूटर से दूसरा फर्जी आधार कार्ड बना लिया था।

उसके बाद मोबाइल कंपनी को फोन कर व्यापारी का मोबाइल बंद करवा दिया गया और फर्जी आधार कार्ड पर उनके नाम का दूसरा सिमकार्ड जारी करवा लिया था। उक्त फर्जीवाड़े के बाद मोबाइल के जरिए इंटरनेट बैं¨कग का इस्तेमाल कर व्यापारी के खाते से छह अलग-अलग खातों में 30 लाख ट्रांसफर कर लिए। जिन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए वे भी दूसरों के नाम पर खोले गए थे। छानबीन के बाद पुलिस टीम ने सभी को उनके घरों से गिरफ्तार कर लिया। 

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