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Criminal Defamation Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को कोर्ट से मिली जमानत

विवेक ने 30 जनवरी को अदालत के सामने अपना बयान दर्ज कराया था और कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए और बाद में रमेश द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराए गए आरोप गलत हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 11:02 AM (IST)
Criminal Defamation Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को कोर्ट से मिली जमानत
Criminal Defamation Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली, एएनआइ/जेएनएन। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक द्वारा दायर एक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश को दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने बृहस्पतिवार को 20 हजार रुपये के निजी बॉन्ड पर जमानत दे दी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 मई को होगी।

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इससे पहले हुई सुनवाई में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने ‘द कैरवेन’ के एडिटर इन चीफ और उसके रिपोर्टर को भी जमानत दे दी थी। मामले में आरोपी के तौर पर तलब किए जाने पर वे अदालत के समक्ष पेश हुए थे।

सुनवाई में जयराम रमेश ने कोर्ट के सामने पेशी से छूट दिए जाने का अनुरोध किया था। इके बाद कांग्रेस नेता को छूट दे दी गई थी।

बता दें कि ‘द कारवां’ ने अपने एक लेख में आरोप लगाया था कि विवेक डोभाल 'केमैन आइलैंड्स’ में हेज फंड चलाते हैं’ जो कर चोरी का स्थापित टैक्स हेवेन है।

इतना ही नहीं, विवेक डोभाल ने इसी साल 30 जनवरी को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए और बाद में रमेश द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में दोहराए गए सभी आरोप ‘‘निराधार’’ और ‘‘झूठे’’ हैं और इनके कारण उनके परिवार एवं सहकर्मियों की नजरों में उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है।

पत्रिका पर कथित अपमानजनक लेख प्रकाशित करने तथा रमेश पर उस आलेख का इस्तेमाल करने का आरोप है। 'कारवां' के खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि केस में विवेक के दोस्त निखिल कपूर तथा बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा ने उनके समर्थन में अपने बयान दर्ज कराए थे।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को मुकर्रर की थी, लेकिन अब इस पर 2 मार्च को सुनवाई होगी। इसके पहले विवेक ने 30 जनवरी को दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सारे आरोप 'बेबुनियाद' तथा 'झूठे' हैं, जिन्हें बाद में कांग्रेसी नेता रमेश ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस में दोहराए थे। इससे उनके पारिवारिक सदस्यों तथा कारोबारी सहयोगियों के बीच उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

अमित शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि इस आलेख के प्रकाशन के बाद निवेशकों में भारी बेचैनी पैदा हुई। वे विवेक पर इस्तीफे के लिए जोर डाल रहे थे, क्योंकि उन्हें शक था कि पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें 'लगातार निशाना' बनाया जाता रहेगा।

उन्होंने आलेख में लगाए गए इस आरोप को खारिज किया कि विवेक का कारोबार उनके ब़़डे भाई शौर्य डोभाल के कारोबार से जुड़ा है। शर्मा ने कहा कि यद्यपि विवेक के ब़़डे भाई शौर्य निवेश का कारोबार करते हैं लेकिन हमारी कंपनियों के बीच कोई वित्तीय हित नहीं है।

मालूम हो कि कारवां ने 16 जनवरी को 'द डी कंपनीज' शीर्षक से प्रकाशित ऑनलाइन आलेख में कहा था कि विवेक डोभाल 'केमन आइलैंड में हेज फंड' चलाते हैं, जो एक स्थापित टैक्स हैवन है और इसका पंजीयन नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में घोषित नोटबंदी के महज 13 दिन बाद हुआ था।

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