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Delhi Coronavirus: डॉक्टरों ने कहा संक्रमण दर शिखर पर पहुंचकर होगी स्थिर फिर शुरू होगा गिरावट का दौर, करना होगा इंतजार

Delhi Coronavirus अस्पतालों में बेड की किल्लत के साथ आक्सीजन और दवाओं के संकट ने लोगों को डरा दिया है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिस तेजी से संक्रमण बढ़ा है उसी रफ्तार से इसके घटने का भी अनुमान है। हालांकि अभी इसमें थोड़ा समय लग सकता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 12:51 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 07:16 PM (IST)
Delhi Coronavirus: डॉक्टरों ने कहा संक्रमण दर शिखर पर पहुंचकर होगी स्थिर फिर शुरू होगा गिरावट का दौर, करना होगा इंतजार
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो संक्रमण के घटने में अभी थोड़ा समय लग सकता है।

नई दिल्ली, [स्वदेश कुमार]। राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार ने सभी को चौंका रखा है। अप्रैल के पहले हफ्ते से संक्रमण की गति ऐसी बढ़ी कि व्यवस्थाएं कम पड़ने लगीं। अस्पतालों में बेड की किल्लत के साथ आक्सीजन और दवाओं के संकट ने लोगों को डरा दिया है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जिस तेजी से संक्रमण बढ़ा है, उसी रफ्तार से इसके घटने का भी अनुमान है। हालांकि, अभी इसमें थोड़ा समय लग सकता है।

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एम्स के कम्यूनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डा. संजय राय का कहना है कि पिछले साल संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ा था। इस वजह से कम होने में समय लगा। बीच-बीच में हम लोगों ने इसकी लहर भी देखी। लेकिन अप्रैल में संक्रमण की दर जिस तरह से बढ़ी, उसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। पिछले साल हमने अधिकतम प्रतिदिन 8000 तक नए मामले देखे थे। इस बार यह 30,000 के आसपास पहुंच गया। इसकी दर भी 36 फीसद को पार कर चुकी है। राजधानी की आबादी करीब दो करोड़ है। इसमें से दस लाख से अधिक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके साथ करीब 30 लाख लोगों को टीके की एक या दोनों डोज लग चुकी है।

पिछले सिरो सर्वे में 50 फीसद से अधिक लोगों में एंटीबाडी होने का अनुमान था। इन सबको देखते हुए लग रहा है कि आने वाले दिनों में संक्रमण की मौजूदा लहर अपने शिखर पर पहुंचकर फिर स्थिर होगी। इसके बाद इसकी दर में गिरावट आ सकती है। इसमें एक महीने का समय लग सकता है। वहीं कम्यूनिटी मेडिसिन से ही जुड़े डा. वीके मोंगा का मानना है कि कम होने की रफ्तार भले ही उतनी तेज न हो लेकिन यह तय है कि जल्द ही इसमें गिरावट आएगी। उनका कहना है कि अभी जो हम संक्रमण की दर देख रहे हैं, असल में यह उससे कहीं ज्यादा है।

एंटीजन किट के बाद कई लोग आरटीपीसीआर जांच कराते हैं। इस तरह से एक ही व्यक्ति की दो बार जांच होती है। एक तरह से दोहराव होता है। इसके अलावा स्वस्थ होने वाले लोग भी अपनी जांच करवाते हैं और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है। हम संक्रमण की दर कुल जांच और उसमें पाजिटिव आए सैंपल के आधार पर करते हैं। इस वजह से अनुमान है कि इस समय राजधानी में असल संक्रमण 50 फीसद के आसपास है। जब राजधानी की 70 फीसद आबादी में टीकाकरण और संक्रमण की वजह से एंटीबाडी बन जाएगी तो संक्रमण की गति पर अंकुश लग जाएगा। लेकिन यह सब 15 मई के आसपास ही संभव होता दिख रहा है। ऐसा नहीं है कि हम भविष्य में इस तरह की स्थिति फिर से नहीं देख सकते हैं। इसलिए कोरोना नियमों के पालन में सख्ती जरूरी है।


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