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Delhi Coronavirus: जमीनी हकीकत बिना जाने ऑफिस से आदेश जारी कर रही दिल्ली सरकार : हाई कोर्ट

इलाज की सुविधा देने के संबंध में जारी आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की। महाराजा अग्रसेन अस्पताल द्वारा आदेश पर सवाल उठाने पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने जमीनी स्तर पर क्या चल रहा है आपको पता नहीं है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 12:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 12:26 PM (IST)
Delhi Coronavirus: जमीनी हकीकत बिना जाने ऑफिस से आदेश जारी कर रही दिल्ली सरकार : हाई कोर्ट
अस्पतालों में मरीज को 10-15 मिनट का इलाज देेने के संबंध में आदेश पर कोर्ट ने की टिप्पणी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आपात में आने वाले मरीजों को कुछ समय के लिए इलाज की सुविधा देने के संबंध में जारी आदेश पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की। महाराजा अग्रसेन अस्पताल द्वारा आदेश पर सवाल उठाने पर न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने जमीनी स्तर पर क्या चल रहा है आपको पता नहीं है।

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पीठ ने सवाल उठाया कि किस अस्पताल में डॉक्टर, ऑक्सीजन, दवा की क्या कमी है आपको यह भी पता नहीं है। पीठ ने कहा जब आपको कुछ नहीं पता तो आप इस तरह के आदेश क्यों जारी कर रहे हैं। आपने लोगों को खुश करने के लिए ऑफिस में बैठकर यह आदेश जारी कर दिया। यह आदेश कागजी कार्रवाई के सिवा कुछ भी नहीं है।

इसके जवाब में जब दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम ने कहा कि यह आदेश सिर्फ इसलिए जारी किया गया कि किसी मरीज को अस्पताल से इलाज के बगैर वापस न लाैटाया न जाए और अस्पताल 10 से 15 मिनट तक उसे देखे। वहीं, अग्रसेन अस्पताल के अधिवक्ता आलोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि उनके अस्पताल में कई आइसीयू और वेंटिलेटर हैं।

आपात स्थिति में आने वाले मरीजों को हम देख रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा 21 अप्रैल को आदेश जारी किया कि हर मरीज को आपको देखना होगा और उसे ऑक्सीजन भी देना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए अस्पताल ने आपाताकालीन वार्ड में 18 बेड लगाए हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में आने वाले हर मरीज को 15 मिनट के लिए इलाज देना संभव नहीं है। इतना ही नहीं, अगर किसी मरीज की तबीयत खराब हो जाए तो हम उसे भर्ती करने की स्थिति में नहीं है और ऑक्सीजन न देने से उसकी मौत हो सकती है।

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जिस मरीज को भर्ती करने की स्थिति में नहीं उसे हम कहां शिफ्ट करें, दिल्ली सरकार की ओर से कोई यह भी बताने वाला नहीं है। पीठ ने इस पर दिल्ली सरकार के अधिवक्ता सत्यकाम को जल्द सरकार से निर्देश लेने और इस पर उचित निर्णय लेने को कहा। पीठ ने कहा कि इस तरह की आपात और विकट स्थिति में कार्यालय में बैठकर इस तरह के आदेश नहीं जारी नहीं कर सकते।

दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने सभी आपूर्तिकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे दिल्ली में अपने केंद्र पर पहुंचने वाले ऑक्सीजन टैंकरों का विवरण दें, फिर कोटा तीन दिनों के लिए आवंटित किया जाएगा।


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