Delhi Corona: कोरोना ने न सही चालान ने लोगों को जागरूक कर ही दिया
कोरोना ने न सही चालान ने लोगों को जागरूक कर ही दिया। मास्क न लगाने के कारण होने वाली दिक्कतों और संक्रमण के फैलने के खतरे के बारे में विभिन्न माध्यमों से लोग एकदूसरे को जागरूक कर रहे हैं।
बाहरी दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में मास्क न लगाने पर दो हजार रुपये का जुर्माना क्या हुआ, हर किसी के चेहरे पर मास्क नजर आने लगा। त्योहारों के बीच कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने वाले लोग अब मास्क को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं।
अब यह जागरूकता वाकई में कोरोना की वजह से आई है चालान की वजह से कहा नहीं जा सकता। बस स्टैंड से लेकर मेट्रो और बाजार सभी जगहों पर लोग मास्क लगाए हुए दिख रहे हैं। बच्चे, बूढ़े, युवा व महिलाएं सभी मास्क में नजर आ रहे हैं। हालांकि कई लोग सार्वजनिक रूप से इंटरनेट पर यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कोरोना ने न सही चालान ने लोगों को जागरूक कर ही दिया। इस बीच मास्क न लगाने के कारण होने वाली दिक्कतों और संक्रमण के फैलने के खतरे के बारे में विभिन्न माध्यमों से लोग एकदूसरे को जागरूक भी कर रहे हैं।
बादली निवासी सतेंद्र का कहना है कि यदि लोग अपनी मर्जी से मास्क लगाएं तो बेहतर होगा क्योंकि चालान के डर से मास्क लगाने का मतलब है आप स्थिति की गंभीरता नहीं समझ रहे। प्रतिदिन मेट्रो से यात्रा कर काम पर जाने वाले सतेंद्र कभी मास्क के बगैर यात्रा नहीं करते। उनके अनुसार कोरोना के साथ यह प्रदूषण से भी बचाव करता है।
वहीं प्रतिदिन काम को लेकर पीतमपुरा से करोलबाग का सफर तय करने वाले मोहिन्दर सिंह का मानना है कि मास्क लगाना हमारी अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है। कोरोना के मामले बढ़ने के बावजूद लोगों का यह रवैया अचंभित करता है। वह लोगों से अपील करते हैं कि मास्क लगाने में असुविधा होने पर अपनी सहूलियत के अनुसार मास्क का चयन कर सकते हैं लेकिन मास्क जरूर लगाएं। ऐसे में देखा जाए तो फिलहाल लोग चालान से बचने के लिए मास्क जरूर लगा रहे हैं लेकिन जांच के दौरान मास्क न होने पर उनके पास कई बहाने भी मौजूद होते हैं।
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