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दिल्ली ने खोया अपना होनहार नेता, इन क्षेत्रों में बेहतर काम के लिए बहुत याद आएंगे डा. एके वालिया

सीलमपुर से पांच बार के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि डा एके वालिया जैसा नेता हो पाना बहुत मुश्किल होता है वह हरदम हर किसी की मदद के लिए खड़े रहते थे। किसी को अस्पताल में भर्ती करवाना हो या किसी का स्कूल में दाखिला करवाना हो

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 05:31 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 05:31 PM (IST)
दिल्ली ने खोया अपना होनहार नेता, इन क्षेत्रों में बेहतर काम के लिए बहुत याद आएंगे डा. एके वालिया
डा. एके वालिया की देन है दिल्ली के कई अस्पताल : नरेंद्र नाथ

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे डा. नरेंद्र नाथ ने कहा कि डा. एके वालिया का इस दुनिया से जाना दिल्लीवासियों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। वह एक जमीनी नेता थे और जनता के साथ हर तरह से जुड़े हुए थे। आज जिन बड़े अस्पतालों में कोरोना का इलाज चल रहा है, वह डा. एके वालिया की देन है। उन्होंने अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य पर काफी काम किया था।

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वह खुद डाक्टर थे और उन्हें पता था कि किस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं का इलाज किया जाना है। जीटीबी, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी, दिल्ली कैंसर इंस्टीट्यूट और जग प्रवेश चंद अस्पताल सहित कई अस्पताल उन्हीं ने बनवाए थे। उन्हें मालूम था कि व्यक्ति की सबसे पहली जरूरत रोटी और दूसरी स्वास्थ होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग अस्पतालों में बेड के लिए दर-दर भटक रहे हैं, अगर डा. वालिया अपने कार्यकाल में इतने अस्पताल न बनवाते तो स्थिति और भी भयानक होती।

सीलमपुर से पांच बार के विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि डा एके वालिया जैसा नेता हो पाना बहुत मुश्किल होता है, वह हरदम हर किसी की मदद के लिए खड़े रहते थे। किसी को अस्पताल में भर्ती करवाना हो या किसी का स्कूल में दाखिला करवाना हो, उनके पास जो भी गया। उन्होंने किसी को न नहीं कहा। उन्होंने यमुनापार ही नहीं पूरी दिल्ली के विकास के लिए काम किया, भले ही मौजूदा सरकार स्वास्थ सेवाओं पर अपनी राजनीति चमकाती हो। लेकिन उसको तराशने वाले डा वालिया थे।

उन्होंने कहा कि कड़कड़कडी मोड पर लोक निर्माण विभाग का बड़ा नाला है, एक वक्त था जब उसके आसपास लोग रहते नहीं थे। डा. वालिया ने उस नाले के ऊपर एक रोड बनवाई, जिसे मास्टर प्लान रोड कहते हैं। आज उसी नाले के ऊपर बनी सड़क पर वाहन दौड़ते हैं, आसपास पाॅश कालाेनियां बनी हुई हैं।


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