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Kangana Ranaut News: दिल्ली पुलिस दर्ज करे कंगना पर FIR, कांग्रेस नेता अमृता धवन ने लिखा CP को खत

Kangana Ranaut News दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन (Delhi Mahila Congress President Amrrita Dhawan) ने दिल्ली पुलिस कमिश्वर राकेश अस्थाना को खत लिख कर कंगना रनौट के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 02:16 PM (IST)
Kangana Ranaut News: दिल्ली पुलिस दर्ज करे कंगना पर FIR, कांग्रेस नेता अमृता धवन ने लिखा CP को खत
Kangana Ranaut News: कांग्रेस नेता अमृता धवन ने CP को लिखा खत, कंगना के खिलाफ FIR दर्ज हो

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। बालीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौट के आजादी वाले बयान दिल्ली महिला कांग्रेस ने भी कठोर रुख अपनाने हुए दिल्ली पुलिस कमिश्वर राकेश अस्थाना को कार्रवाई के लिए खत लिखा है। दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अमृता धवन (Delhi Mahila Congress President Amrrita Dhawan) ने दिल्ली पुलिस कमिश्वर को खत लिखकर कंगना रनौट के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।  बता दें कि विवादित बयानों के लिए चर्चित बालीवुड एक्ट्रेस 'भारत को आजादी भीख में मिलने' संबंधी टिप्पणी के लिए चर्चा में हैं।एक्ट्रेस कंगना रनौट के इस बयान को लेकर उन पर लगातार विरोधी निशाना साध रहे हैं। विरोधी लगातार केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार से मांग कर रहे हैं कि कंगना रनौट को गिरफ्तार करने के साथ उनका पद्मश्री सम्मान भी वापस लिया जाना चाहिए।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड के एक वीडियो में एक्ट्रेस कंगना रनौट ने कहा था- '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।'

कंगना के बयान 'आजादी 2014 में मिली, 1947 में आजादी भीख में मिली थी' को लेकर विरोधियों का कहना है कि यह महात्मा गांधी समेत तमाम स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है, जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राण गवाएं।

गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा भी कंगना रनौट की उनके इस बयान के लिए आलोचना कर चुके हैं। आनंद शर्मा ने कहा था- ' कंगना रनौट का यह बयान न सिर्फ महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है।' उन्होंने यह भी कहा था- 'प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।'


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