Delhi congress president: जानिए- कैसे बढ़ रहा है दिल्ली कांग्रेस चीफ अनिल चौधरी की कुर्सी पर खतरा
Delhi congress president आरोप है कि अनिल चौधरी अकेले चलने में विश्वास रखते हैं। वरिष्ठ नेताओं को उन्होंने पूरी तरह दरकिनार कर दिया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी के खिलाफ पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। ज्यादातर नेता उन्हें इस कुर्सी पर देखना नहीं चाह रहे। उन्हें पद से हटाने के लिए वरिष्ठ नेताओं के बीच एक रणनीति भी बना ली गई है। इसमें दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं जो अनिल चौधरी को पद से हटवाना चाहते हैं। इस रणनीति के तहत अनिल चौधरी के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने की तैयारी है। यह हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपा जाएगा। नाराजगी की वजह यही है कि अनिल चौधरी अकेले चलने में विश्वास रखते हैं। वरिष्ठ नेताओं को उन्होंने पूरी तरह दरकिनार कर दिया है। किसी भी मसले पर न चर्चा करते हैं, न रायशुमारी। गिनती के दो तीन सिपहसालार ही इनके सलाहकार बने हैं, जिनके सुझाव बहुत बार हास्यास्पद हो जाते हैं। बहुत से कांग्रेसी तो पार्टी ही छोड़ने की तैयारी में हैं।
जनाधार ही नहीं, सियासी श्रेय भी छीन रही AAP
सशक्त नेतृत्व के अभाव में कांग्रेस का जनाधार तो आम आदमी पार्टी के खाते में खिसक ही चुका है, धीरे धीरे हर मसले पर सियासी श्रेय भी आप के ही पास जा रहा है। अपरिपक्व सोच के चलते पदेश कांग्रेस जो भी गतिविधि करती है, वो जंगल में मोर नाचा, किसने देखा.. वाली कहावत बन जाती है। दिल्ली में कांग्रेस अब गिने चुने बयानवीरों की पार्टी बनती जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ही नहीं, उनकी टीम के दो तीन उपाध्यक्ष भी कभी केजरीवाल सरकार तो कभी भाजपा सरकार के खिलाफ बयान जारी करके ही राजनीति चमकाने में लगे रहते हैं। रचनात्मक और संगठनात्मक स्तर पर पार्टी लगातार पिछड़ रही है। आलम यह हो चला है कि अब तो राजनीतिक विश्लेषक भी पार्टी की दिल्ली इकाई में कोई क्षमता नहीं देख पा रहे हैं। इन विश्लेषकों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व को दिल्ली के प्रति गंभीर ²ष्टिकोण अपनाना होगा।