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आखिर क्यों दिल्ली कांग्रेस अनिल चौधरी की बढ़ सकती है मुश्किल

रविवार को एआइसीसी से दिल्ली कांग्रेस में फेरबदल की दो लिस्ट जारी हुईं और दोनों से ही दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को जोर का झटका दिया है। कांग्रेस नेता लक्ष्मण रावत भी अनिल चौधरी के धुर विरोधी हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 10:39 AM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 10:39 AM (IST)
आखिर क्यों दिल्ली कांग्रेस अनिल चौधरी की बढ़ सकती है मुश्किल
दिल्ली कांग्रेस अनिल चौधरी की बढ़ सकती है मुश्किल

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। रविवार को एआइसीसी से दिल्ली कांग्रेस में फेरबदल की दो लिस्ट जारी हुईं और दोनों ने ही दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को जोर का झटका दिया है। इनके द्वारा भेजी गई लिस्ट के हिसाब से सभी जिलाध्यक्ष नहीं बदले गए तो एक पखवाड़ा पूर्व घोषित जंबो कार्यसमिति में जुड़े नए नाम भी इनकी मर्जी से नहीं जोड़े गए हैं। जानकारी के मुताबिक, 14 में से सात जिलाध्यक्ष बदले गए हैं। लेकिन दो और भी बदले जाने थे। एक नई दिल्ली से वीरेंद्र कसाना और दूसरे करोल बाग से मदन खोरवाल। दोनों ही जिलाध्यक्ष पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन गुट से जुड़े हैं। लिहाजा, इन दोनों को बदलवा पाने में अनिल चौधरी नाकाम रहे। जिन जिलाध्यक्षों को बदला गया, उनके पीछे भी उन जिलों से पार्टी के साथ रह चुके नेताओं की इच्छा और रजामंदी दोनों रही है।

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दूसरी तरफ 191 सदस्यीय जंबो प्रदेश कार्यसमिति में स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों में कई नए नाम जोड़े गए हैं। इन सभी नामों में ज्यादातर अजय माकन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के गुट से हैं। इन सभी नामों को चौधरी ने दरकिनार कर दिया था लेकिन अजय माकन और अरविंद लवली के कहने पर प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने इन नामों को कार्यसमिति में शामिल कर विरोधाभास और मतभेदों का हवा दे दी है। स्थायी सदस्यों में लवली के करीबी अमित मलिक, अजय माकन के करीबी चतर सिंह और भीष्म शर्मा सहित शीशपाल बिधूड़ी और आसिफ मोहम्मद को जगह दी गई है। अजय माकन के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए चतर सिंह महत्वपूर्ण भूमिका में थे।

वहीं, अजय माकन के करीबी ब्रह्म यादव को भी विशेष आमंत्रित सदस्यों में रखा गया है। रामेश सब्बरवाल तो वह शख्स हैं जिन्हें पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था और चौधरी ने जब उन्हें कार्यसमित में शामिल नहीं किया तो उन्होंने टविटर के जरिये खूब भला बुरा भी कहा। इसी तरह लक्ष्मण रावत भी अनिल चौधरी के धुर विरोधी हैं। इन दोनों को भी को भी विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी का सियासी सफर और मुश्किल होने वाला है। रोहिणी जिलाध्यक्ष इंद्रजीत को बदलकर इन्होंने अजय माकन और अरविंद सिंह लवली के साथ-साथ दिल्ली कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव को भी अपना विरोधी बना लिया है। आदर्श नगर जिलाध्यक्ष हरीकिशन जिंदल और चांदनी चौक जिलाध्यक्ष मोहम्मद उस्मान का बदलना भी संबंधित जिलों में पार्टी को बगावत की राह पर अग्रसर कर सकता है।


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