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गठबंधन पर सियासत: कांग्रेस का 'आप' पर बड़ा आरोप - अरविंद केजरीवाल भरोसे के लायक नहीं

प्रदेश के नेता यह भी कहते हैं कि पार्टी हाईकमान का आदेश मानने को वे विवश हो भी जाएं कार्यकर्ताओं को कैसे साधा जाएगा। उनके लिए भी यह स्थिति उलझन भरी होगी।

By Edited By: Published: Sat, 02 Mar 2019 09:45 PM (IST)Updated: Sun, 03 Mar 2019 08:30 AM (IST)
गठबंधन पर सियासत: कांग्रेस का 'आप' पर बड़ा आरोप - अरविंद केजरीवाल भरोसे के लायक नहीं
गठबंधन पर सियासत: कांग्रेस का 'आप' पर बड़ा आरोप - अरविंद केजरीवाल भरोसे के लायक नहीं

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। आप और कांग्रेस के बीच जोर शोर से चल रही चुनावी गठबंधन की कवायद ने प्रदेश कांग्रेस को एकदम ठहराव की स्थिति में ला दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रदेश की कमान संभालने के बाद जिस तरह दिल्ली में पार्टी फिर अपने पैरों पर खड़ी होनी शुरू हुई थी, वह भी दोबारा लड़खड़ाने लगी है। हालांकि कुछ नेताओं को गठबंधन नहीं होने की आस भी है कि पूरा प्रदेश इसके विरोध में खड़ा हुआ है।

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नाम नहीं छापने के अनुरोध पर कई पूर्व सांसदों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि अगर यह गठबंधन होता है तो कांग्रेस के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता। उनका कहना है कि जिस आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं के खिलाफ पार्टी लगातार हर मंच पर खड़ी होती रही है, उसी के लिए वोट मांगने कैसे जा सकती है।

प्रदेश के नेता यह भी कहते हैं कि पार्टी हाईकमान का आदेश मानने को वे विवश हो भी जाएं कार्यकर्ताओं को कैसे साधा जाएगा। उनके लिए भी यह स्थिति उलझन भरी होगी। इससे बेहतर तो घर बैठना ही सही रहेगा।

माकन ने गठबंधन के विरोध में ही दिया था इस्तीफा बहाना भले बीमारी का रहा हो, लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने भी यह जिम्मेदारी इसीलिए छोड़ी थी कि उनके बार-बार समझाने के बावजूद एआइसीसी के कुछ बड़े नेता आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन कराने पर आमादा थे। जब उन्हें लगा कि इन स्वार्थी नेताओं को समझाना मुश्किल है तो उन्होंने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

स्वार्थी नेताओं के नाम उजागर करना चाहते हैं प्रदेश के नेता गठबंधन की संभावना से झल्लाए और गुस्साए प्रदेश के नेता एआइसीसी से जुड़े उन करीब आधा दर्जन नेताओं के नाम दिल्ली की जनता के बीच भी उजागर करना चाह रहे हैं कि जो अपने निजी फायदे के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई को गठबंधन की आग में झोंक रहे हैं। इन नेताओं के नाम सार्वजनिक करने के साथ- साथ प्रदेश के नेता चुनाव में बगावती तेवर अपनाने के भी संकेत दे रहे हैं।

जितेंद्र कोचर, प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस ने बताया कि कांग्रेस वेंटिलेटर पर सांसें गिन रही आम आदमी पार्टी को दोबारा ऑक्सीजन नहीं देगी। 2013 में कांग्रेस इस पार्टी को सरकार बनाने में समर्थन दे चुकी है, लेकिन अनुभव बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा था। यह पार्टी और इसके मुखिया भरोसे लायक कतई नहीं है।


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